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RAIPUR. बीजेपी के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कांकेर के दत्तक केंद्र में प्रोग्राम मैनेजर की ओर से लड़की की बेरहमी से पिटाई मामले में छत्तीसगढ़ सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि वो एक सरकारी कर्मचारी नहीं है। वो एक एनजीओ की अधिकारी है। वह नौकरी के नाम पर मस्ती कर रही है। भूपेश बघेल सरकार में यदि हिम्मत हैं, दम और रुचि है तो उस महिला के ऊपर एफआईआर करवाएं।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं उस महिला के ऊपर पॉक्सो एक्ट भी लगना चाहिए, क्योंकि उसका बॉयफ्रेंड भी वहां आता रहता था। इसके साथ ही एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड किया जाना चाहिए। राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वह आश्रय गृह नहीं, बल्कि बच्चों का प्रताड़ना गृह है।
यह तो पूरे प्रदेश में हो रहा है- अजय चंद्राकर
विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि यह पूरे प्रदेश में हो रहा है। यह तो केवल एक जगह का नमूना है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या एक्शन लेती है। वहीं, दूसरी ओर इस मामले में प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि घटना देखकर दुख हुआ है। बच्चों के साथ मारपीट की घटना बेहत निंदनीय है। कलेक्टर को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
कांकेर में ये वीडियो सामने आया था
कांकेर के दत्तक ग्रहण केंद्र में बेरहम महिला की शर्मनाक करतूत सामने आई थी। मां-बाप के ठुकराने के बाद जिन पर बच्चों को पालने की जिम्मेदारी दी जाती है, उन्हीं बच्चों को दत्तक ग्रहण केंद्र की प्रोग्राम मैनेजर सीमा द्विवेदी पटक-पटककर पीटती थी। दत्तक ग्रहण केंद्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें मैनेजर सीमा बच्ची को बाल से उठाकर जमीन पर पटक-पटक कर मारते हुए नजर आ रही है। सीमा पहले एक बच्चे की पिटाई करती थी और फिर दूसरी बच्ची की भी पिटाई करने लगती है। बच्ची चीखती, चिल्लाती है, रोने लगती है, इसके बावजूद मैनेजर उसे पीटती रहती है।