दिल्ली में खड़गे, वेणुगोपाल, सैलजा और राहुल की मौजूदगी छग कांग्रेस की बैठक, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सभी अहम किरदार मौजूद

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Yagyawalkya Mishra
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दिल्ली में खड़गे, वेणुगोपाल, सैलजा और राहुल की मौजूदगी छग कांग्रेस की बैठक, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सभी अहम किरदार मौजूद

NEW DELHI. दिल्ली की 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्यालय में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की अहम बैठक जारी है। इस बैठक को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ले रहे हैं। बैठक में महासचिव वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और सांसद राहुल गांधी मौजूद हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ कांग्रेस का हर अहम किरदार भी इस बैठक में शामिल है। बैठक के अंदर क्या हो रहा है, इसे लेकर कोई भी जानकारी पंक्तियों के लिखे जाने तक सार्वजनिक नहीं है, लेकिन विषय प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में सुनिश्चित वापसी है, तो जाहिर है कि यह विषय अपने साथ गर्माहट साथ लाएगा ही लाएगा। यह मानना कि सिर्फ सुनी जाएगी, कहा कुछ नहीं जाएगा, यह खूबसूरत कल्पना हो सकती है, लेकिन कल्पना से बाहर धरातल पथरीला है। 





छत्तीसगढ़ से ये नाम हैं शामिल





बैठक में छत्तीसगढ़ कांग्रेस से पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, सीएम भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, मंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री जय सिंह अग्रवाल, मंत्री ताम्रध्वज साहू, मंत्री शिव डहरिया, मंत्री कवासी लखमा, विधायक सत्यनारायण शर्मा और विधायक धनेंद्र साहू मौजूद हैं। जो तस्वीरें आई हैं, उनमें बैठक का क्रम ग़ौरतलब है। बीच में शीर्ष नेतृत्व है, जिसमें राहुल शामिल हैं। बाएं ओर सबसे पहले सीएम भूपेश बघेल, फिर डॉ. चरणदास महंत और फिर मंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री अकबर और मंत्री जयसिंह अग्रवाल और मंत्री कवासी लखमा हैं। जबकि दाईं ओर सबसे पहले पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, फिर मंत्री ताम्रध्वज साहू, मंत्री शिव डहरिया, विधायक सत्यनारायण शर्मा और विधायक धनेंद्र साहू हैं।





बैठक के शुरू होते ही कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का ट्वीट





बैठक के शुरु होने के कुछ ही मिनटों के भीतर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का ट्वीट आया, जिसमें उन्होंने लिखा- “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” ये हमारे लिए केवल कोई नारा नहीं है, छत्तीसगढ़ की उन्नति व सामाजिक न्याय के लिए एक ध्येय है। छत्तीसगढ़ की जनता और कांग्रेस पार्टी में उनका अटूट विश्वास, विकास की अविरल धारा को आगे बढ़ाता रहेगा। हम मिलकर काम करेंगे और छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन में बदलाव लाते रहेंगे।





सीएम भूपेश का भी ट्वीट





इस बैठक के शुरू होने के दौरान ही सीएम भूपेश बघेल ने भी बैठक को लेकर ट्विट किया। उन्होंने ट्विट में हैं तैयार हम हैश टैग के साथ लिखा- “आज दिल्ली स्थित AICC मुख्यालय में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे, हमारे नेता राहुल गांधी, संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में "नवा छत्तीसगढ़" के मॉडल से जनता के जीवन में आ रहे बदलाव एवं आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अहम चर्चा हुई। #हैंतैयारहम। यूं ये ट्वीट सामान्य है। पर यदि खोजने वाले इसमें यह भी खोजें कि इसमें वरिष्ठ नेताओं के रूप में डॉ महंत, सिंहदेव का नाम क्यों नहीं है तो वे बहुत गलत भी नहीं हैं। सियासत में चर्चा तो होनी ही चाहिए, भले ट्वीट का मसला क्यों ना हो। 





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जय सिंह, सत्यनारायण और धनेंद्र की मौजूदगी कुछ कहती है





इस बैठक में कोरबा से विधायक और राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल की उपस्थिति उतनी नहीं चौंकाती। मंत्री जय सिंह अग्रवाल के अपने निजी और गहरे रिश्ते दिल्ली के कांग्रेस के केंद्रीय कार्यालय में हैं। मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने दरअसल चौंकाया तब था, जबकि बेहद विपरीत स्थितियों के बीच उन्हें उत्तराखंड की बेहद महत्वपूर्ण पट्टी का प्रभार उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान दिया गया था। 





मंत्री जय सिंह अग्रवाल की छवि बेहद दबंग और तेज तर्रार नेता की है। जय सिंह ही वह शख्स रहे हैं, जिनकी अधिकारियों से खुली अदावत रही है, जिनकी कार्रवाई को लेकर जय सिंह सीधा सवाल उठाते हैं। माना जाता है कि जय सिंह भले सीधा सवाल अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उठाते हैं, पर निशाना सीएम भूपेश होते हैं। यह भी दिलचस्प है कि प्रदेश के सर्वोच्च शक्ति केंद्र से टकराने में जय सिंह अग्रवाल को कभी जरा सा भी झिझकते नहीं देखा गया।



 



वहीं, सत्यनारायण शर्मा इस समय विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। वे प्रदेश के सहकारिता क्षेत्र के सशक्त नाम हैं। धनेंद्र साहू भी बेहद वरिष्ठ विधायक हैं, वे पीसीसी चीफ रह चुके हैं। दोनों को ही मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिली। धनेंद्र साहू ने तो नाराजगी भी जताई थी, लेकिन सत्यनारायण शर्मा गहरे पानी वाली सियासत करते हैं, और उन्होंने चुप्पी साध ली। वे कम ही बोले, लेकिन जब भी बोले, उनके कहने की चर्चा जरूर हुई। बैठक जिसमें कांग्रेस की सत्ता में वापसी की राह तलाशी जा रही है, वहां ये नाम अगर मौजूद हैं तो मसला बस मौजूदगी का तो नहीं ही है।



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