BHOPAL. मध्यप्रदेश से पकड़े गए प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया के 22 सदस्यों पर आरोप तय हो गए हैं। भोपाल की एनआईए कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने आरोप पत्र पेश कर दिया है। जिसके मुताबिक सभी 22 आरोपी शहर ही नहीं गांवों और कस्बों में यूनिट तैयार कर जिहादी मानसिकता फैलाने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के प्रयास में लिप्त थे।
फिटनेस के नाम पर दी आतंकियों को ट्रेनिंग
आरोप है कि सभी 22 आरोपियों ने समुदाय विशेष के किशोरों और युवाओं को फिटनेस के नाम आतंकी ट्रेनिंग देने का भी काम किया। ये युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दे रहे थे। इस काम के लिए खाड़ी देशों से फंडिंग किए जाने के सबूत भी मिले हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश के अनेक जिलों से पीएफआई के इन 22 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
2047 तक इस्लाम के राज की स्थापना का था मंसूबा
जांच में यह खुलासा हुआ था कि पीएफआई के सदस्यों ने 2047 तक देश में इस्लाम का राज लाने का मंसूबा पाल रखा था। केंद्र सरकार ने साल 2022 में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया था। जिसके बाद पीएफआई के सदस्यों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई थी। पकड़े गए सभी 22 सदस्यों को भोपाल की जेल में रखा गया है। बता दें कि जांच एजेंसियों के मुताबिक प्रदेश में पीएफआई के 1500 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं।
मोबाइल और सोशल मीडिया से कर रखा था परहेज
एजेंसियों को जांच में यह भी पता चला कि सुरक्षा एजेंसियों की नजर में न आने के लिए एक दूसरे से मोबाइल फोन या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए संपर्क नहीं करते थे। जानकारियों के आदान-प्रदान के लिए एक कॉमन ईमेल तैयार किया गया था। जिसका पासवर्ड प्रमुख सदस्य अपने पास रखते थे।