RAIPUR. छत्तीसगढ़ में ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। राजधानी रायपुर में एक बार फिर ठगी हुई है। दरअसल, गुढ़ियारी की एक जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंक और फाइनेंस कंपनी को झांसा देकर 71 लाख रुपए ठग लिए गए हैं। ठगों ने पहले बैंक से 40 लाख का कर्ज लिया। बैंक की दो किश्त जमा की, उसके बाद पैसे जमा करना बंद कर दिया। बाद में आरोपियों ने कुछ माह बाद निजी फायनेंस कंपनी से भी उसी जमीन को खरीदने और मकान बनाने के लिए 31 लाख का कर्ज ले लिया। पैसे लेने के बाद जालसाजों ने ना तो बैंक में किश्त जमा की और ना ही निजी फायनेंस कंपनी में किश्त जमा की। जब बैंक और फाइनेंस कंपनी जमीन कुर्क करने पहुंचे तो फर्जीवाड़ा सामने आया। जहां पर जमीन बताई गई हैं। वहां पर आरोपियों की जमीन नहीं है। सिर्फ दस्तावेजी रिकॉर्ड पर जमीन हैं। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो आरोपियों की तलाश की जा रही है।
इस तरह किया फ्रॉड
जानकारी के अनुसार अब्दुल नईम ने दस्तावेजों में कूट रचना कर गुढियारी में 3 हजार वर्ग फीट का जमीन का दस्तावेज बनाया। उसका दोस्त देवेंद्र देवांगन और उसकी पत्नी प्रीति खरीदार के तौर पर सामने आए। इसमें अभिषेक राउत को गवाह बनाया गया। देवेंद्र ने जमीन खरीदने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक में अर्जी दी। उसने बदले में जमीन के दस्तावेज गिरवी रखे। दस्तावेजों की छानबीन के बाद बैंक ने 50 लाख का लोन पास कर दिया। उसमें से देवेंद्र ने 40 लाख का कर्ज लिया। उसने कर्ज लेने के बाद दो किश्त जमा की। कुछ माह बाद उसने श्रीराम फायनेंस में कर्ज लेने के लिए अर्जी दी। वहां भी उसी जमीन को गिरवी रखा।
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पुलिस ने दो आरोपियों की किया गिरफ्तार, दो अब भी पकड़ से बाहर
इसके बाद फाइनेंस कंपनी से 31 लाख का कर्ज लिया। दोनों जगह से पैसा निकालकर आरोपियों ने आसपास में बांट लिया। आरोपियों ने जब कर्ज नहीं चुकाया तो दोनों संस्थान के जिम्मेदार जमीन को कुर्क करने पहुंचे। दस्तावेज के आधार पर जमीन की खोजबीन की गई। वहां के पटवारी से भी संपर्क किया गया, लेकिन जमीन नहीं मिली। तब पुलिस में शिकायत की गई। पुलिस ने जांच के बाद ठगी का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने देवेंद्र और अब्दुल नईम को गिरफ्तार किया है। अभिषेक और प्रीति की तलाश चल रही है। पुलिस के अनुसार दोनों को भी जल्द पकड़ लिया जाएगा।