BHOPAL: मंगलवार को एक और नर चीते तेजस की मौत से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में संचालित चीता प्रोजेक्ट के सफलता पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में अब तक 4 चीतों और 3 शावकों की मौत हो चुकी है और अब पार्क में कुल 24 में से 16 चीते और 1 शावक जिन्दा बचे हैं बचे हैं। कूनो में लगातार होती चीतों की इन मौतों के बाद से ही चीता प्रोजेक्ट सवलों के घेरे में है। और यही सवाल मप्र विधानसभा के मानसून सत्र के में भी उठे। क्या सवाल थे यी जानने से पहले लेते हैं ता प्रोजेक्ट में हुई चीतों की मौतों की सिलसिलेवार जानकारी...
देश में चीतों की आबादी को फिर से बसाने के एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत 8 चीतों को नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को इन्हे विशेष बाड़ों में छोड़ा था। इनमें 5 मादा और 3 नर चीते शामिल थे। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते, 7 नर और 5 मादा कूनो पार्क लाए गए थे। इसके बाद चीता ज्वाला ने इसी साल मार्च में कूनो में चार शावकों को जन्म दिया।
अब तक 4 व्यस्क चीते और 3 शावकों की मौत
दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए कुल 20 चीतों में से अब तक यह चौथी मौत है। इसके अलावा यहां पैदा हुए चार शावक में से तीन शावक भी दम तोड़ चुके हैं। 12 चीते इस समय खुले जंगल में हैं।
कूनो में चीतों की मौत की टाइमलाइन
- 27 मार्च को किडनी में संक्रमण के चलते 4 साल की मादा चीता साशा की मौत हुई।
अब आ जाते हैं उन सवालों पर जो विधानसभा में उठे...कांग्रेस नेता डॉ. सतीश सिकरवार ने वनमंत्री विजय शाह से प्रोजेक्ट को लेकर कुछ मुख्य सवाल किये कि क्या मप्र के श्योपुर जिले के कूनो अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट परियोजना के प्रारम्भ में 2023 तक कितनी राशि खर्च की गई है? जिसके जवाब में वन मंत्री कुँवर विजय शाह ने जो जानकारी दी की इस प्रोजेक्ट में परियोजना के प्रारंभ 2021-22 से जून 2023 तक कुल 3239.25 लाख रुपए खर्च हुए हैं।
वन्यजीव पर्यावास का समन्वित विकास का बजट मद (रुपए लाख में)
- 2021-22: 1153.33
राज्य केम्पा का बजट मद
- 2021-22: 100.00
केंद्रीय केम्पा का बजट मद
- 2021-22: 0.00
IOCL(CSR) का बजट मद
- 2021-22: 0.00
यहाँ नोट करने वाली बात है कि बताए गए खर्च में अब इसमें चीतों का अफ्रीका और नामिबिया से लाने का खर्च नहीं बताया गया। न ही बताया गया कि अधिकारियों ने अफ्रीका में जाकर ट्रेनिंग की तो उसपर कितना खर्च हुआ। बहरहाल वन मंत्री से ये भी सवाल किया गया कि क्या चीता प्रोजेक्ट में अनुभवहीन अधिकारियों की तैनाती की है जिसकी वजह से चीतों की मौत हुई। तो विजय शाह ने जवाब दिया कि अधिकारियों को ट्रेनिंग पर अफ्रीका और नामिबिया भेजा गया था। और सभी लोग ट्रैन्ड है। इसलिए अनुभव न होने का सवाल नहीं उठता। और ये भी सवाल पूछा कि चीतों की मौत के बाद क्या कूनो नेशनल पार्क में पर्यटकों की संख्या में कमी हो गई है। तो इस सवाल के जवाब में वन मंत्री ने कहा कि अभी जहां चीतों को रखा गया है वहां पर्यटन की इजाजत नहीं दी गई है और कूनो का जो बाकी एरिया है वहां पर्यटकों की संख्या में कमी नहीं बल्कि इजाफा हुआ है। 2018-19 में जहां 437 देशी विदेशी पर्यटक पहुंचे थे वहीं 2022-23 में पर्यटकों की संख्या 1542 तक पहुंच गई।
पर्यटकों की संख्या (भारतीय/विदेशी)----------------कुल
- 2018-19: 420/ 17----------------437