Raipur. छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी ने बड़ा प्रदर्शन किया है। व्यापम घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी ने शिक्षा मंत्री के हाउस का घेराव किया है। छत्तीसगढ़ में व्यापम के जरिए शिक्षक भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए गुरुवार को शिक्षा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में प्रदेशभर से हजारों पदाधिकारी-कार्यकर्ता राजधानी रायपुर पहुंचकर भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों में झूमाझटकी भी हुई। इस मौके "आप" प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार नहीं जागी तो पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे।
'छत्तीसगढ़ के लोग अब चुप बैठने वाले नहीं हैं'
कोमल हुपेंडी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के लोग अब चुप बैठने वाले नहीं हैं। हम सब छत्तीसगढ़ के उन युवाओं के उम्मीदों के विश्वास पर खरे उतरेंगे, जो इस परीक्षा में हुई अनियमितता के शिकार हुए हैं। आम आदमी पार्टी प्रदेश के नौजवानों और बेरोजगारों के लिए लड़ती रहेगी। उन्होंने कहा, व्यापम में जो घोटाला हुआ है, उसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। अन्यथा "आप" के कार्यकर्ता प्रदेशभर में जंगी आंदोलन करेंगे।
'बड़े पैमाने पर पदों की खरीद फरोख्त हुई'
कोमल हुपेंडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में व्यापम परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं को लेकर परीक्षा मंडल ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि परीक्षा परिणाम में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं हुई है। अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि बिना परीक्षा में सम्मिलित हुए 99 उम्मीदवार कैसे पास हो गए। आप गड़बड़ी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि परीक्षा में ऐसे कई सवाल भी पूछे गए, जिनके उत्तर अलग-अलग विकल्पों को माना गया है। उन्होंने कहा, सहायक शिक्षक भर्ती में परीक्षा में बैठने वालों की संख्या से मेरिट सूची में शामिल अभ्यर्थियों की संख्या में इतना अंतर कैसे हो सकता है। उन लोगों को भी पास कर दिया गया है जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे। 'आप' प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, इस गड़बड़ी में मंत्री, नेताओं और उच्च अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है। बड़े पैमाने पर पदों की खरीद-फरोख्त हुई है, इसलिए मंडल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध हो सकती है, इसलिए भूपेश सरकार तत्काल प्रभाव से सहायक शिक्षक की भर्ती में कोई अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच कराएं और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे। जिससे प्रदेश के युवाओं को न्याय मिल सके। अन्यथा इसका परिणाम भूपेश सरकार भुगतने के लिए तैयार रहे।