Raipur. छत्तीसगढ़ बीजेपी महामंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा है। बीजेपी प्रदेश महामंत्री ने कहा कि इंदिरा प्रियदर्शिनी सहकारी बैंक घोटाले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम बेजा टिप्पणी कर रहे हैं। कह रहे हैं कि रमन सरकार के मंत्रियों की संपत्ति को कुर्क कर बैंक घोटाले की भरपाई की जाए तो यह मांग उन्हें अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से करना चाहिए कि भूपेश बघेल के राज में जितने भी घोटाले हुए हैं, उनकी भरपाई भूपेश बघेल और उनके भ्रष्टाचारी मंत्रियों की संपत्ति कुर्क करके करना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को सलाह दी है कि वह पहले अपनी कुर्सी और अपना वजूद बचाएं, उसके बाद बयानबाजी करके अपनी राजनीति चमकाएं तो उनके लिए बेहतर होगा। रेत, कोल, शराब, गोठान और अनाज घोटाले आदि की भरपाई के लिए भूपेश सिंडिकेट की संपत्ति कुर्क कराई जाए।
इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले को लेकर भी लगाए आरोप
केदार कश्यप का कहना है कि अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मांग करनी चाहिए कि दो हजार करोड़ के आर्गेनाइज्ड सिंडीकेट नेटवर्क द्वारा किए गए शराब घोटाले की रकम की भरपाई भूपेश सिंडिकेट की संपत्ति कुर्क करके छत्तीसगढ़ शासन के खजाने में जमा करनी चाहिए। उन्हें यह मांग करनी चाहिए कि कोल घोटाले की रकम भूपेश बघेल की गैंग से वसूल होनी चाहिए। अनाज-गोठान आदि घोटाले का पैसा भी इसी तरह भूपेश बघेल के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की संपत्ति कुर्क कर वसूला जाना चाहिए। बीजेपी प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के पहले से लेकर सत्ता से बेदखल होने की इस नौबत के वक्त तक बीजेपी की रमन सरकार के खिलाफ सिर्फ बेबुनियाद आरोप लगा रही है। एक पैसे के भी भ्रष्टाचार को प्रमाणित नहीं कर पाई है। इंदिरा प्रियदर्शिनी सहकारी बैंक को कांग्रेस के लोग चला रहे थे, इस बैंक से कर्ज लेने वाले भी कांग्रेस के ही लोग थे।
'मरकाम अनर्गल आरोप बीजेपी पर लगा रहे'
केदार कश्यप ने कहा है कि घोटाला कांग्रेसियों ने किया, मरकाम अनर्गल आरोप बीजेपी पर लगा रहे हैं। उन्होंने जैसे हिम्मत जुटाकर विधानसभा में आरोप लगाया था कि कांग्रेस के राज में उनके निर्वाचन क्षेत्र के डीएमएफ के करोड़ों रुपए की बंदरबांट हो गई, वैसी ही हिम्मत दिखाएं और मांग करें कि घोटालेश और उनके साथी मंत्रियों की संपत्ति कुर्क की जाए। इससे उन्हें यह लाभ हो सकता है कि जो भूपेश बघेल उनकी कुर्सी छीनने पर आमादा हैं और अधिकार तो छीन ही चुके हैं, वे शायद सही रास्ते पर आ जाएं।