Raipur. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र समिति का ऐलान किया है। बीजेपी की घोषणा पत्र समिति में 31 नाम शामिल हैं। इस समिति में तेज तर्रार सांसद विजय बघेल को घोषणा पत्र समिति की कमान सौंपी गई है। जिसे जानकार बीजेपी का बड़ा दांव बता रहे हैं क्यों कि सांसद विजय बघेल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भतीजे हैं लेकिन कट्टर विरोधी भी हैं। बीजेपी की घोषणा पत्र समिति की खास बात यह हैं कि इसमें दिग्गज नेताओं के साथ युवाओं को भी स्थान दिया गया है। समिति में आदिवासी समेत हर वर्ग और हर क्षेत्र को जगह मिली है। प्रदेश में ओबीसी वर्ग को साधने के लिए बीजेपी ने पहले ही अरुण साव को छत्तीसगढ़ बीजेपी का अध्यक्ष बनाकर दांव खेला हुआ है।
घोषणा पत्र समिति में हर वर्ग
बीजेपी की इस घोषणा पत्र समिति में विजय बघेल को संयोजन बनाया गया है। विजय बघेल के ज़रिए कुर्मी समाज को अहमियत देने की कोशिश हैं क्यों कि वे कुर्मी समाज के अध्यक्ष हैं। वहीं रामविचार नेताम और अमर अग्रवाल को सह संयोजक बनाया गया है। जिसमें से रामविचार नेताम आदिवासी वर्ग से आते हैं, वहीं अमर अग्रवाल की व्यवसायी वर्ग में अच्छी पैठ बताई जाती है। इसी समिति से ब्राम्हण वर्ग से आने वाले शिवरतन शर्मा को भी जगह मिली है। ओपी भी इस समिति के सदस्य हैं, ओपी युवाओं के बीच एजुकनिस्ट के रुप में लोकप्रिय है।
लिस्ट में देखिए घोषणा पत्र में किस किस को जगह
चाचा-भतीजा लेकिन दोनों के बीच गहरी खाई
छत्तीसगढ़ बीजेपी की इस घोषणा पत्र समिति में विजय बघेल को महती भूमिका मिली है। जिसके बाद कयास ये लगाए जा रहे हैं कि पाटन विधानसभा पहले भी कई बार भूपेश बघेल और विजय बघेल चुनाव में आमने सामने रहे हैं। इस दौरान दोनों के बीच कड़ी नोंकझोंक भी देखने को मिली है। ऐसे में सांसद विजय बघेल को घोषणा पत्र समिति की कमान सौंप कर बड़ा दांव खेला है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पाटन से विधायक भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह सीट हाइप्रोफाइल सीट हो गई है, जिसमें भूपेश बघेल को अगर कोई हरा सकता है तो वो विजय बघेल ही हैं।