RAIPUR. छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए खुशखबरी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ा दी है। प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण दर अब चार हजार रुपए प्रति मानक बोरा दिया जाएगा। इससे लाखों तेंदूपत्ता संग्राहकों को फायदा मिलेगा। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री सीएम बघेल के तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा दर 25 सौ से बढ़ाकर चार हजार रुपए किए जाने से संग्राहकों को बड़ी राहत मिल रही है। तेंदूपत्ता के रेट बढ़ जाने से तेंदूपत्ता संग्राहकों के चेहरे खिल उठे है।
सरकार ने बढ़ाई तेंदूपत्ता की संग्रहण दर
कोरबा विकासखंड के गांव कोरकोमा की सुखमिन बाई और कला कुंवर, वृंदा बाई सालों से तेंदूपत्ता संग्रहण कर उसे समिति में बेचने का काम कर रही हैं। ये लोग सुबह से शाम तक पत्ते तोड़कर उसका बंडल बनाते हैं। एक-एक पत्ता को तोड़कर बंडल बनाने में काफी मेहनत लगती है। ये लोग अपना ज्यादातर समय जंगल में बिताते है, उसके बाद ही वह तेंदूपत्ता जुटा पाते है।
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82 कमेटी से होता है तेंदूपत्ता का स्टोरेज
कोरबा जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम अप्रैल और मई से शुरू हो जाता है। 82 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के जरिए इसका स्टोरेज किया जाता है। इनमें कोरबा वनमण्डल में 38 एवं वनमण्डल कटघोरा वनमण्डल के 44 समितियां शामिल हैं। कोरबा वनमण्डल के अंतर्गत 2023 में लगभग 43 हजार 822 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित कर 17 करोड़ 52 लाख 89 हजार रुपए का भुगतान किया गया। यहां 34590 तेंदूपत्ता संग्राहक हैं। कटघोरा वन मंडल में इस साल में 58 हजार 688 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित किया गया। इस तरह जिले में एक लाख 13 हजार 560 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया।