Raipur. कोयला घोटाला मामले में कर्नाटक पुलिस द्वारा चालान से शेड्यूल धाराएं हटाए जाने पर सीएम भूपेश ने कहा है कि जब मूल आधार ही समाप्त हो गया है तो ईडी आईटी के पास कोई वैधानिक स्थिति नहीं बनती। कर्नाटक पुलिस ने बीजेपी के दबाव में कार्रवाई की थी, अब निष्पक्ष जांच के बाद दोनों धाराओं को हटा दिया है। हमें न्यायालय पर विश्वास है न्यायालय जो फ़ैसला करेगी सबको मान्य होगा।
क्या बोले सीएम भूपेश बघेल
सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कथित जो कोयला घोटाले की जांच ईडी कर रही है। संपूर्ण कार्रवाई का आधार बेंगलुरु में पुलिस के द्वारा आईपीसी की धारा 120 बी और 384 के अंतर्गत दर्ज किया हुआ प्रकरण है और तत्कालीन बीजेपी सरकार के दबाव में उक्त प्रकरण को दर्ज किया गया था। अवैधानिक कार्रवाई उस आधार पर करनी पड़ी थी, विस्तृत जांच के दौरान यह पाया गया है कि 120 बी और 384 की धारा दर्ज करने की पुलिस को अधिकारिता नहीं थी। इसलिए पुलिस ने दोनों धाराओं को हटा दिया है और उसमें न्यायालय के समक्ष 13 जून को चालान प्रस्तुत किया जा चुका है। ईडी के द्वारा राज्य में कोयला घोटाले के संबंध में जो कार्रवाई की गई थी। उसका मूल आधार बेंगलुरु पुलिस द्वारा दर्ज किया गया प्रकरण था। अब ईडी के द्वारा समस्त कार्रवाई को समाप्त करना बंधन कारी हो गया है।
'छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम करने बीजेपी की साजिश की बेनकाब'
सीएम भूपेश ने कहा है कि ईडी द्वारा राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश बीजेपी की बेनकाब हो चुकी है। हमने शुरू से ही इस बात को कहा है कि बीजेपी यहां लड़ नहीं पा रही है, इसी कारण से बीजेपी आईटी और ईडी का दुरुपयोग कर रही है। राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, आज यह सही साबित हुआ जो बेंगलुरु पुलिस में कर्नाटक पुलिस में चालान प्रस्तुत किया है। उसमें पूरी जांच करने के बाद धारा 120 बी और 384 को अवैधानिक पाया। इस आधार पर कार्रवाई करने का कोई आधार नहीं था, फिर भी बीजेपी के दबाव में राज्य सरकार पर कार्रवाई की गई और अब जब 13 तारीख को चालान प्रस्तुत हो चुका है। ऐसे में जो ईडी की कार्रवाई प्रदेश में की गई है वह निष्फल पाई हो गई है। मैं समझता हूं कि बीजेपी का चेहरा फिर से बेनकाब हो गया है। चालान कर्नाटक के कोर्ट में पेश हुआ है, अब उस चालान के आधार पर ही आगे बहस होगी। हमें न्यायालय पर पूरा विश्वास है और न्यायालय जो फैसला करेगी वह सब को मानना होगा। लेकिन बदले की भावना से जो कर्नाटक पुलिस काम कर रही थी निष्पक्ष और विस्तृत जात करने के बाद पुलिस ने दोनों धाराओं को हटा दिया है।