RAIPUR. छत्तीसगढ़ में चुनावी माहौल शुरू हो चुका है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां कमर कसकर मैदान में उतर गई हैं। इधर, बीजेपी के कई नेता-मंत्री छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार दौरे कर रहे हैं। 7 जून (बुधवार) को बिलासपुर पहुंचे भूपेश 9 जून को 3 जिलों बालोद, कवर्धा (कबीरधाम) और फिर से बिलासपुर जा रहे हैं। चुनाव के लिहाज से सीएम भूपेश के दौरों को अहम माना जा रहा है।
मुझे कका की जगह खा खा बोलना प्रदेश की जनता का अपमान- बघेल
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के कका (काका) को 'खा खा' बताने पर सीएम भूपेश बघेल ने इसे छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान बताया है। बघेल ने कहा- ये टाइटल (कका) मैंने खुद नहीं दिया, बल्कि प्रदेश की जनता ने दिया है। ये लोगों का प्यार है, जो कहते हैं 'कका है तो भरोसा है, कका अभी जिंदा है'। गिरिराज सिंह शायद कका शब्द का अर्थ नहीं जानते। उनका कका को खा खा बताना छत्तीसगढ़ के लोगों को अपमान है।
छत्तीसगढ़ पहुंचे गिरिराज सिंह ने कहा था, ये (भूपेश बघेल) 'कका' नहीं बल्कि खा खा हैं, जो भारत के पैसे को खा गए हैं। बस्तर में धर्मांतरण को छूट दे रखे हैं। कांग्रेस छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में सनातन धर्म को खत्म करने का प्रयास कर रही है, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।
सबसे पहले बालोद पहुंचे भूपेश
सबसे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बालोद जिले के दल्लीराजहरा पहुंचे। यहां वे फुटबॉल ग्राउंड में आयोजित अखिल भारतीय हल्बा/हल्बी आदिवासी समाज का 83वां स्थापना दिवस और प्रतिभा सम्मान समारोह में शामिल हुए।
कवर्धा में कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल होंगे
बालोद के बाद भूपेश बघेल का कवर्धा यानी कबीरधाम जिले में कार्यक्रम है। यहां वे नए कांग्रेस भवन का लोकार्पण और हाईटेक बस स्टेंड का भूमिपूजन करेंगे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके अलावा यहीं मुख्यमंत्री बघेल कबीरधाम में नवनिर्मित पौनी-पसारी परिसर का लोकार्पण करेंगे। साथ ही वे नवनिर्मित कुर्मी क्षत्रिय छात्रावास भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। सीएम बघेल बिलासपुर में भी एक निजी कार्यक्रम में शामिल होंगे और वहां से प्रस्थान रायपुर लौट आएंगे।
इस दौरे में ये है खास
दल्लीराजहरा में भूपेश बघेल आदिवासी समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए। वैसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल फिलहाल हर वर्ग से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 50 आदिवासी सीट पर आदिवासी ही चुनाव लड़ेंगे, इसके बाद अब आदिवासियों पर फोकस ज्यादा हो गया है। दल्लीराजहरा में आदिवासी सम्मेलन में शामिल होना बड़ी कवायद का हिस्सा है। कवर्धा (कबीरधाम) को संघ की प्रयोगशाला माना जाता है। इस समय यहां से कांग्रेस के मोहम्मद अकबर विधायक है। अकबर वन मंत्री भी हैं। सीएम का कवर्धा जाने का मकसद यहां अपनी जमीन मजबूत करना और बीजेपी को जमने से रोकना है।