दिल्ली में सैलजा ने 9 मिनट की PC- सब एकजुटता से काम करेंगे, केंद्रीय नेताओं का मार्गदर्शन मिला; किसी सवाल का जवाब नहीं दिया

author-image
Yagyawalkya Mishra
एडिट
New Update
दिल्ली में सैलजा ने 9 मिनट की PC- सब एकजुटता से काम करेंगे, केंद्रीय नेताओं का मार्गदर्शन मिला; किसी सवाल का जवाब नहीं दिया

NEW DELHI/RAIPUR. छत्तीसगढ़ कांग्रेस की बैठक केंद्रीय कार्यालय में शीर्षस्थ नेताओं के साथ संपन्न हो गई। बैठक के भीतर जो कुछ हुआ हो, जो विषय आए हों, उस पर जो गर्माहट आई हो, इसे लेकर खबरें अभी बाहर नहीं है। जाहिर है कि उन्हें बाहर आने में कुछ वक्त लगेगा। लेकिन जैसा कि द सूत्र ने कल ही बताया था कि बैठक के दौरान एसी वाले कमरे में भले उमस या गर्माहट बढ़ जाए। मीडिया के सामने एक सधी पंक्ति आएगी जिसमें कहा जाएगा कि सब एकजुटता से चुनाव का सामना करेंगे और सरकार की वापसी तय होगी। बिल्कुल वही हुआ और नौ मिनट तक बैठक को बेहद सकारात्मक बताते हुए पीसी को संबोधित किया गया और जैसे ही संबोधन खत्म हुआ, बगैर किसी सवाल को सुने पीसी खत्म कर दी गई।



तीन शीर्षस्थ नेताओं पर 3-3 मिनट और पीसी खत्म



करीब 11 बजे बैठक शुरू हुई, जिसे शीर्षस्थ तीन नेताओं ने संबोधित किया। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा की पीसी इन्हीं तीन नेताओं के बैठक में दिए मार्गदर्शन के बेहद संक्षिप्त नोट के जिक्र के साथ शुरू हुई और खत्म भी हो गई। किसी भी सवाल का इंतजार ही नहीं किया गया। सवाल की आवाज आने के ठीक पहले पीसी समाप्त कर कुमारी सैलजा चली गईं। संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा ने बेहद ही संतुलित तरीके से बात रखी, पर उस बेहद संतुलित बात में भी यह बात आ गई- “सभी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ेंगे। जैसा कि 2018 में सब एकजुट हुए थे, बिल्कुल वैसा ही।”



2018 की बात के मायने क्या हैं?



2018 में पार्टी ने यूं तो कोई चेहरा तय नहीं किया था। यह एक प्रकार का सामूहिक साझा नेतृत्व था। यह भी सही है कि क्षत्रपों के इलाके में प्रचार करने दिल्ली से पहुंचे स्टार प्रचारकों ने हर क्षत्रप को भावी सीएम बता दिया था। छत्तीसगढ़ के मैदानी मध्य इलाके में पिछड़े वर्ग का सीएम बनेगा, यह प्रचार तैरा तो कोरबा में महंत और उत्तर छत्तीसगढ़ में सिंहदेव सीएम होंगे का प्रचार बेहद विश्वसनीय तरीके से फला-फूला। 15 साल की एंटी-इन्कम्बैंसी, घोषणा पत्र, और स्थानीय को सीएम बनाने के भाव ने कांग्रेस को जीत दिला दी। फिर सबको ध्वस्त करते ही नहीं, बल्कि रौंदते हुए भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने और साम-दाम-दंड-भेद याने हर सही-गलत के मापदंड को दरकिनार कर बेहद कुशलता से कुर्सी पर लगातार बने रहने में सफल रहे हैं।



अब अगर सामने चुनाव है तो फिर 2018 की बात याद करने और उसी अनुरूप चुनाव लड़ने की बात यदि आलाकमान ने कही और बैठक में मौजूद सभी ने यदि हुंकार भरी तो तय है कि राजनीति के छात्र फिर बहुत कुछ सीखेंगे। आखिर यह कैसे माना जा सकता है कि आलाकमान छत्तीसगढ़ के वर्तमान हालात से इतना नावाकिफ हो कि 2018 के अंदाज में फिर से चुनाव लड़ने की बात कहे। 



मंत्री सिंहदेव का बयान सामने आया



न्यूज एजेंसी के हवाले से मंत्री टीएस सिंहदेव का बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ने की बात कही है। मंत्री सिंहदेव ने कहा- “कांग्रेस के पास काम करने का एक तरीका है, अपनी नीतियां और उद्देश्य हैं। पिछला चुनाव सामूहिक नेतृत्व के आधार पर लड़ा गया था। सबसे अच्छा है कि हम सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ें, टीम का नेतृत्व कोई भी कर सकता है।”

 


Chhattisgarh News छत्तीसगढ़ न्यूज Politics of Chhattisgarh छत्तीसगढ़ की राजनीति meeting of Chhattisgarh Congress in Delhi tussle between Chhattisgarh Congress organization and government छग कांग्रेस की दिल्ली में बैठक छग कांग्रेस संगठन और सरकार में खींचतान