Raipur. छत्तीसगढ़ बागबाहरा ब्लॉक के छुईहा गांव में किसान ने आत्महत्या कर ली है। किसान कन्हैया लाल सिन्हा ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है। जिसमें किसान ने कहा है कि उसे शासन प्रशासन से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली है। मौके पर पहुंची तेंदूकोना थाना पुलिस ने शव का पोस्मार्टम कराने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया है। फिलहाल पुलिस आगे की जांच भी कर रही है। बीजेपी ने किसान की आत्महत्या के इस मामले को लेकर सरकार को घेरा है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस की कुनितियों ने एक और किसान की जान ले ली है। बीजेपी ने आत्महत्या की जांच को लेकर 5 सदस्यीय टीम बनाई है। बीजेपी का यह जांच दल मौके पर जाकर किसान की खुदकुशी को लेकर पड़ताल करेगा।
50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने इस मामले में सरकार को घेरा है। साव ने कहा है कि कांग्रेस की कुनितियों की वजह से एक और किसान ने खुद की जान ले ली है। खल्लारी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम छुइहा के एक किसान कन्हैया सिन्हा द्वारा आत्महत्या करने के कारण एक बार फिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार का घोर किसान विरोधी चरित्र बेनक़ाब हो गया है। साव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पिछले विधानसभा चुनाव में की गई घोषणाओं को पूरा नहीं करने के कारण प्रदेश के किसान हलाकान हो चले हैं और हताश होकर आत्महत्या के लिए विवश हो रहे हैं। छुइहा के किसान की आत्महत्या का मामला इसकी तस्दीक करता है। साव ने मृतक किसान के परिवार को तत्काल 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की है।
किसान ने सुसाइड नोट में क्या लिखा?
बताया जा रहा है कि किसान ने फांसी लगाने से पहले सुसाइड नोट लिखा है। पुलिस को यह नोट मृतक के पास से मिला है। जिसमें किसान ने लिखा है कि मैं एक छोटा सा किसान हूं, खेती किसानी में पिछले 8-9 वर्षो से कभी पानी, कभी कीट प्रकोप से नुकसान हो रहा है। मुझे हर साल घाटा हो रहा है। इस वर्ष लो वोल्टेज के कारण चार एकड़ रबी फसल बर्बाद हो गई है। मुझे एक भी पैसा नहीं मिला और न ही शासन से कोई मदद मिली। पैसे की काफी तकलीफ हो रही है। मुझे न तो बीमा का लाभ मिला और न ही दो लाख की छूट मिली। अत: मेरे पास कोई चारा नहीं बचा और मेरे चारों ओर अंधकार हो गया है'।