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Raipur. प्रदेश भर में पटवारी हड़ताल पर हैं। पटवारियों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश के राजस्व अमले के कई काम रुक गए हैं। सरकार हड़ताल की मांगों को लेकर सहमत नहीं है। सरकार ने सख़्त रुख़ अपनाने के संकेत दिए हैं। भूपेश सरकार ने एस्मा लगाया और उसके बाद भी काम पर नहीं लौटने वाले पटवारियों को अब कड़ी अप्रत्याशित कार्रवाई का सामना करना करना पड़ सकता है।
क्या कर रही है सरकार
पटवारियों के हड़ताल के मसले को सीधे मुख्यमंत्री सचिवालय देख रहा है। सीएम भूपेश ने सबसे पहले अस्थाई रुप से यह व्यवस्था प्रभावी कर दी कि, जिन अभिलेखों में पटवारी के प्रतिवेदन अनिवार्य थे उस नियम को शिथिल कर दिया। उसके बाद एस्मा प्रभावी कर दिया।पटवारियों की हड़ताल इसके बाद भी नहीं टूटी तो अब कलेक्टरों को यह ज़िम्मा दिया गया है कि, जो भी हड़ताल में शामिल हैं उन्हें एक समय सीमा देते हुए पत्र जारी किया जाए। इस पत्र में यह उल्लेखित होगा कि, यदि वे पत्र में उल्लेखित तारीख़ तक नहीं लौटे तो उनके विरुद्ध बेहद गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। संकेत हैं कि यह कार्रवाई बर्ख़ास्तगी की हो सकती है। हालांकि सीधे बर्खास्त होंगे ऐसा कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं बोल रहा है।
पटवारियों की ये है मांग
प्रदेश में क़रीब साढ़े पांच हज़ार पटवारी इस समय हड़ताल पर हैं। इनकी मांग में वेतन विसंगति,प्रमोशन, स्टेशनरी भत्ता, और पटवारी की योग्यता स्नातक करने अतिरिक्त हल्का मिलने पर मानदेय जैसे मसले शामिल हैं।
मांग पूरी होने तक नहीं लौटेंगे काम पर
राज्य सरकार के सख़्त तेवर और कड़े कदम उठाए जाने के गंभीर संकेतों के बीच हड़ताली पटवारी आंदोलन समाप्त करने को तैयार नहीं है। पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप ने द सूत्र से कहा
“हमारी मांगें वाजिब हैं, हम लगातार आग्रह करते रहे हैं लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं है। जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी हम वापस नहीं लौटेंगे।”