Raipur. छत्तीसगढ़ के कथित तौर पर दो हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कुछ देर बाद अभियोजन शिकायत/परिवाद दाखिल करेगा। प्रचलन बोली में इसे चालान कह दिया जाता है, लेकिन ईडी की कार्रवाई के संबंध में यह चालान शब्द नहीं प्रयुक्त होगा, बल्कि अभियोजन शिकायत या परिवाद कहा जाएगा।
क्या है शराब घोटाला?
ईडी ने कोर्ट में जो रिमांड पत्र पेश किए हैं, उसके अनुसार छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ का शराब घोटाला हुआ है। प्रदेश में जितनी भी शराब दुकानें हैं, वह राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाती हैं। जो बोतलें इन दुकानों से खपाई गईं, उनमें से कई नकली होलोग्राम के साथ थीं, जिनका कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं होता था। ईडी के अनुसार, अनवर ढेबर इस पूरे मामले में किंगपिन हैं। अनवर ढेबर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर शराब से जुड़ी हर प्रक्रिया पर कब्जा किया। उन्होंने हर जगह अपने लोगों को तैनात कर दिया। यह कार्टेल डिस्टलरी से लेकर शराब दुकानों में मौजूद सेल्समैन और शराब के लिए नीतिगत फैसले करने वाले आबकारी विभाग और संबंधित निकायों तक में प्रभावी था। ईडी का ये भी कहना है कि अनवर ढेबर को एक निश्चित प्रतिशत में राशि मिलती थी, जबकि इस घोटाले का सबसे बड़ा हिस्सा सर्वोच्च पॉलिटिकल बॉस को जाता था।
इस मामले में कार्रवाई जारी है
पीएमएलए के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी के 60 दिनों के भीतर ईडी को परिवाद पेश करना है। ऐसा नहीं है कि इस परिवाद के बाद शराब घोटाले की कार्रवाई खत्म हो जाएगी। इस मामले में और भी जब जब गिरफ्तारी होगी तो अलग से पूरक परिवाद पेश होता रहेगा।
अब तक इनकी हुई है गिरफ्तारी
ईडी ने इस मामले में अब तक अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, त्रिलोक ढिल्लन और नितेश पुरोहित को गिरफ्तार किया है। खबरें हैं कि ईडी को इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां करनी है। इन संभावित गिरफ्तारियों में कई प्रभावशाली नाम शामिल हो सकते हैं।