RAIPUR. छत्तीसगढ़ में अवैध शराब बेचने के मामले में आबकारी अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, जिसके बाद 10 जुलाई को अधिकारियों ने नोटिस का जवाब भी दे दिया है। इसके बाद अधिकारियों पर किसी तरह की कार्रवाई की नहीं हुई है। 7 दिन बीत जाने के बाद भी आबकारी अधिकारियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होना अपने आप में एक सवाल है। खबरों के मुताबिक इस विषय पर जब आबकारी आयुक्त जनक प्रसाद पाठक से बात की गई तो उन्होंने आगे की कार्रवाई को प्रक्रियाधीन बताया है।
मामले में 31 अधिकारियों को नोटिस
छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला की जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कर रहा है। वहीं ईडी की जांच में ही यह घोटाला उजागर हुआ है। ईडी के अनुसार यह घोटाला 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। इसको लेकर आबकारी आयुक्त ने 3 डिस्टलरी और 4 आबकारी अफसरों को नोटिस दिए जाने की जानकारी सार्वजनिक की थी। वहीं खबरों के मुताबिक सिर्फ 4 अधिकारियों को नहीं, बल्कि 31 आबकारी अफसरों को नोटिस जारी किया गया था। बताया जा रहा है सभी अधिकारियों का जवाब 10 जुलाई आ चुका है।
डिस्टलरियों पर भी गंभीर आरोप
वहीं इस पूरे मामले में डिस्टलरियों पर भी गंभीर आरोप हैं। बताया जा रहा है कि शराब घोटाले मामले में डिस्टलरियों ने शुल्क और अन्य करों का भुगतान नहीं किया और कूटरचित दस्तावेजों के तहत अवैध तरीके से लाभ प्राप्त किया। इसी तरह डिस्टलरियों द्वारा आबकारी राजस्व में अवैध तरीके से आबकारी अधिकारी और कर्मचारियों पर दवाब डालकर सहयोग लेने की शिकायत मिली है। इससे राज्य के आबकारी राजस्व को बड़े पैमाने में आर्थिक क्षति पहुंची है और गलत तरीके से पैसे कमाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है।