MLA साहब की मुश्किलें
सत्ता पक्ष के एक विधायक जी जाति के मसले पर मुश्किलों में हैं। वो खुद को जिस वर्ग का बताते हैं ज़ाहिर है उनके चचा भतीज भाई रिश्तेदार भी उसी वर्ग में आएँगे। किसी बंदे ने एनएलए साहब के सबसे नज़दीकी रिश्तेदार की जाति को लेकर शिकायत ठोक दी। मामला चलते लुढ़कते हाई पॉवर कमेटी के पास आ गया। आया तो जाँच भी शुरु हो गई। अभिलेख भी आ गए। निष्कर्ष आया कि शिकायत तो सही है।MLA साहब के क्लोज़ रिश्तेदार को नोटिस जारी हुआ और बोला गया कि आईए आपके खिलाफ मसला है पक्ष में कुछ देना हो तो बताइए। सूर्य की कांति से जगमग रहे विधायक जी की तंद्रा भी टूटी। उन्हे समझ आया कि शिकायत भले क्लोज़ रिश्तेदार के खिलाफ हो, शिकारी के निशाने पर वो खुद हैं। हडबड़ तडबड़ राह तलाशी गई। पता चला जाति छानबीन समिति में जो अधिकारी बैठा है, वो तो सिफ़ारिश को ही अपात्रता की मुहर मान लेता है। ले दे कर यह बताया गया है कि, साहब
मिसल का एक रिकॉर्ड है जिसमें सब सही दर्ज है, उसे देख लीजिए। मसला यह है कि साहब सीधे हैं सहज हैं सरल हैं लेकिन मूर्ख नहीं है। पता चला है साहब ने अधिनस्थों को कहा है काग़ज़ का ज़रा ढंग से पता तो लगाओ आखिर ये आया किधर से। स्याही नई कागज पुराना तो नहीं है।
दीदी आपकी हिदायत तो ठीक लेकिन ये वाला पिट्ठूल कैसे बनेगा
कांग्रेस वाली दीदी याने सैलजा जी बिलासपुर में बोली हैं कि बाग़ी तेवर का कोई सोचे भी मत, बीच चुनाव से पार्टी से बाहर हो जाओगे। बात बिलकुल सही है, दीदी को फुल वाल्यूम देना भी चाहिए। लेकिन दीदी ये बताइए कि, कांग्रेस के भीतर ख़ासकर बिलासपुर में जो एक और कांग्रेस है उसको क़ाबू में कैसे करेंगी आप ? एकता अनुशासन का पिट्ठूल तो फूट गया है, और इनके पीछे भैया का फुल संपोट है। दीदी गेंदा कौन फेंक रहा है उधर देखिए न..! बिलासपुर में शक्तिशाली मंत्री को हराने वाले ब्राम्हण विधायक का खुल्ला अपमान हर मुमकिन मौके पर हुआ है। यही आलम कोरबा का है, यही जांजगीर की कथा है जहां भैया का चॉपर चुन चुन के लोगों को साथ उड़ाते रहा। अब दीदी आप की बात सुनेगा कौन बताओ भला ?
पीएससी घोटाला और वायरल चैट
बीजेपी ने पीएससी घोटाले को लेकर जमकर हंगामा धूना है। मसला थम भी नहीं रहा है। अभी तीन व्हाट्सएप चैट के स्क्रीन शॉट वायरल हो गए है।मामला पढ़ें तो लगता है कि एक स्ट्राईगर को हैंडल तीन जगह से किया गया है। एक चैट के नीचे संवादों के बीच कार्यक्रम के प्रायोजक हैं के साथ लिखा है - ‘रेखा जब से तुझे देखा’..
अब स्क्रीन शॉट सच हैं या झूठ राम जी जानें। लेकिन जो है फिलहाल दिलचस्प है। और अगर सच है तो सकते में डालने वाला। खबरें हैं कि वायरल चैट के एक हिस्से पर प्रशासन की भी नज़र पड़ी है।
आसमान में उड़ रहे थे घोड़े.. उड़ते रहे घोड़े
राजधानी पुलिस ने एक सटोरिया को धरा और धूम धाम से पीसी की है। लेकिन बताने वाले कहानी कुछ और बताते हैं। ये मसला आसमान में उड़ रहे थे घोड़े के उस नामचीन लेखक के मोबाइल से निकला है जो हालिया दिनों जेल में है। मोबाइल की खोज बीन जारी है तो उसमें एक बेहद सीनियर आईपीएस का भी पुरज़ोर संवाद है। जिस सटोरिए को पुलिस पकड़ कर ‘वी आर ग्रेट’ कह रही है। यह तार उसी मोबाईल से जूड़े हैं। आसमान में घोड़े उड़ाने वाले लेखक के अर्थ तंत्र में सहयोग में जिनके ज़िक्र हैं ये सज्जन भी उसी लिस्ट में है। नतीजतन बगैर मौसम के सटोरिया धरा गया है। अब ये पूरा मसला कहानी है या सच है इसे कोई नहीं जानता।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से औपचारिक संवाद भी नहीं और छुट्टी कर दी गई भीम और प्रसन्ना की
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव आष्ट्रेलिया प्रवास पर हैं। उनके विभाग में दो अहम रद्दोबदल हो गई लेकिन औपचारिक संवाद इस मसले पर हुआ ही नहीं।खैर यह कौन सा पहली बार हुआ है कि, सिंहदेव के विभाग के अधिकारियों को हटाया गया हो तो संवाद किया गया।पंचायत मंत्री रहते तो जिन्हें मंत्री जी ने हटाया, वे सीधे ‘भईया’ के हस्तक्षेप से वापस आ गए। खबरें तैर रही हैं कि आयुष्मान योजना में फ़ाईलों की धीमी रफ़्तार ने विकेट गिरा दिया। किसी समिति के तीन सदस्यों की छुट्टी होने का मसला भी भीम सिंह के हालिया ट्रांसफ़र से जोड़ कर देखा जाता है।
हेल्थ मिनिस्टर सर पिलीज चेक दिस इंफ़ॉरमेशन राईट ऑर राँग
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव लगातार अस्पतालों का दौरा करते हैं। लगातार बैठकें करते हैं। रैपुर रहें या दिल्ली चाहे मुंबई लेकिन बैठक करते ही हैं। दुरुस्त इतने हैं कि कोई बीमारी आई नहीं कि टोटल अपडेट हो लेते हैं। लेकिन एक क़िस्सा फाफाडीह से भटकते हुए अवंति विहार तक घूम रहा है। क़िस्सा यह है कि बीते तीन महीनों से कोई मरीज़ एक से दो दिन के ब्रेक के बाद फिर अस्पताल आ जाता है।हर बार तेरह दिन किसी बीमारी का उपचार होता है, फिर दो दिन का ब्रेक और फिर तेरह दिन किसी नई बीमारी का उपचार होता है। मंत्री जी, एक ही व्यक्ति को अलग अलग बीमारी हो रही है और दो दो दिन के ब्रेक में। अब यह क़िस्सा सच्चा या झूट्ठा, राम जी जानें या पता कर सकें तो मंत्री जी जानें।
फ़िटनेस फ्रीक नीलेश पर किसकी दृष्टि वक्री
2011 बैच के आईएएस नीलेश महादेव की बल्लेबाज़ी एकदम ठीक चल रही थी।नीलेश फिटनेस को लेकर भी खूब सक्रिय रहते हैं। उनकी साइकिलिंग से लगाव जशपुर से लोग जानते हैं। अचानक आउट हुए हैं। क़िस्से कहते हैं कि आख़िरी वक्त पर उन्हें मंत्रालय में विभाग दिया गया। वैसे किस्सेबाज यह भी बताते हैं कि, जब महासमुंद कप्तान की विदाई हुई तब ही यह विदाई भी तय थी लेकिन मामला बच निकला। वैसे अब ये भी है कि, महासमुंद में कोई कलेक्टर आए ज़मीन के काग़ज़ में जो महानदी का पानी बहना था वो बह चुका है। लेकिन सवाल यह है कि इस कदर “हठ” पर कौन आमादा था ?
लिस्ट में ग़ज़ब ट्विस्ट
बुधवार की शाम आईएएस की लिस्ट आई।पूरी लिस्ट गौर तलब है विशेषकर सचिव स्तर की। निर्वाचन आयोग में पदस्थ रहीं शिखा तिवारी राजपूत कमिश्नर बना दी गईं, अब रीना बाबा साहब कंगाले को बेहतर सहयोगी टीम तैयार करने में आसानी से कर पाएँगी।आष्ट्रेलिया से लौटे स्वास्थ्य विभाग के दो सचिव स्तर के अधिकारी दूसरे विभाग भेज दिये गए, अब फ़्री हैल्थ केयर प्लान की स्टडी और रिपोर्ट कौन बनाएगा यह मसला मुँह बाएँ है। सिद्धार्थ कोमल परदेसी को हैल्थ का सचिव बनाया गया है, ईडी की राडार से अभी बचे जे पी मौर्य को अतिरिक्त प्रभार संचालक बनाया गया है।सिद्धार्थ सीएम सचिवालय में बने हुए हैं, मौर्य जी भी आ गए हैं इसके मायने स्वास्थ्य मंत्री बेहतर समझ रहे होंगे।
सरकार की हाल फ़िलहाल बड़ी समस्या आबकारी विभाग है। वहाँ जनक पाठक को विशेष सचिव बनाया गया है। जी हाँ पाठक जी वही हैं चर्चित जांजगीर कलेक्टर जो कोर्ट तक तो गए पर जेल नहीं गए, याने मौत को छूकर टक् से निकलने वाला जादूगर। लेकिन अभी जहां पहुँचे हैं वो जगह भी हाल फ़िलहाल मौत के कुआँ में फटफटी चलाने का मसला है। साहस को सलाम वाला मसला जे पी मौर्या जी का भी है।
सरकार को दूसरी जिस जगह पर असमंजस था वह था उद्योग। युवा और विनम्र आईएएस सारांश का संयुक्त सचिव बनाया गया है, जबकि सचिव भुवनेश यादव को बनाया गया है। असमंजस क्यों था क्योंकि यहाँ भूपेश सरकार में बेहद प्रभावशाली रहे अनिल टूटेजा मौजूद थे।भूपेश सरकार में कहीं भी पदस्थापना का मसला हो, AT यह नाम गूंजा जरुर फिर जब यहाँ की पदस्थापना का मसला हो तो समझना मतलब दो दूनी चार का सरल पहाड़ा है। चिप्स जिसे लेकर हालिया कुछ महीनों से दूर रहो भले रहो का भाव रहता है वहाँ रितेश अग्रवाल को ज़िम्मा दिया गया है।
EX एमएलए साहेब ये ‘राज’ क्या है
उत्तर छत्तीसगढ़ अपने आप में अलमस्त इलाक़ा है। यहाँ के लोगों के बारे में यह कहा जाता है कि यहाँ कोई बुजुर्ग नहीं होता, हाँ भूतपूर्व नौजवान जरुर हो जाते हैं। अब जब सभी का आलम यह है तो मतलब सभी का यही है। एक नेताजी का मसला जानिए। नेताजी जब विधायक थे तो उनके सोशल मीडिया एकाउंट में उत्तेजक तस्वीरें चिपक गईं, तब नेता जी विधायक थे उन्हीं की पार्टी की सरकार थी तो थाने में रपट हो गई कि मेरा अकाउंट हैक हो गया, मामला भी आया राम गयाराम हो गया। अब उनका लोटा फिर गिर गया है। पूर्व हो चुके माननीय के व्हाट्सएप स्टेट्स में ‘लाझा-बाझा’ अंदाज में फोटू लग गई। ग़नीमत कि चेहरे नहीं दिख रहे थे। अब माननीय से पूछा जाए उसके पहले वो मासूमियत से बोले - में नई जानत रहलों माईकी मोके नि पता चललक। याने मैं नहीं जानता माँ क़सम मुझे पता ही नहीं है।
क़िस्सा दो लाख का या पचास लाख का
दक्षिण छत्तीसगढ़ के एक ज़िले में सड़क किनारे थाने का एक क़िस्सा ज़ोर पर है।क़िस्सा यह है कि, नक्सलियों के दो हज़ारी कष्ट निवारण में तीन लोग जुटे थे। मसला पचास लाख का था। पुलिस ने धर पकड़ा, लेकिन मसला किसी आईएएस से जुड़ गया। नतीजतन दो को बाहर किया गया और एक को दो लाख की बरामदगी के साथ दिखाया गया। अफ़वाहें इस सहाफ़ी को कहती हैं कि अब भी पुलिस कौन सी धारा लगाए इस पर चिंता के साथ चिंतन में है। अब क़िस्सा सच्चा है कि अफवाह, इसे लेकर ‘राय’ अलग अलग है।
लुढ़का लोटा.. जा रे दुनिया
ये छुपा है ही नहीं कि, कांग्रेस में दो कांग्रेस है। एक संगठन वाली एक भईया वाली। अब इसी में लोचा हो रहा है। बिलासपुर में भी कांग्रेस के भीतर कांग्रेस का मसला है। कार्यकर्ता सम्मेलन में ये वाला मसला अलग अलग अंदाज में नुमाया हुआ। एक नेताजी ने कहना था कि जितने को प्रदेश में सरकार फिर से बनाना है वो हाथ उठाएँ, नेताजी के मुख से निकल गया कि जिस जिस को सरकार फिर से नहीं बनानी वो हाथ उठाएँ, पूरी सभा ने हाथ उठा दिया। दीप जलना था तो स्टैंड ही गुल था। बची कसर अरुण तिवारी जी ने पूरी कर दी। उन्होंने वाजिब सवाल उठाया, उन्होने संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा के भाषण के शुरु होते ही खड़े होकर पूछा- कार्यकर्ता सम्मेलन है तो कार्यकर्ता कब बोलेगा ? जवाब तो नहीं आया लेकिन मंच पर मौजूद लोगों ने इशारा कर के उन्हें बैठा जरुर दिया। ये सब लच्छन ठीक नई है ‘भइया’ जो नियमित रुप से विशेष पूजा कराते हैं उसमें ये ठीक करने का ऑप्लिकेशन भी लगाना चाहिए।
झरने के पानी के शौक़ीन साहब की क़िस्मत
एक साहब हैं, किसी बैद्य जी ने बताया कि झरने का पानी औषधीय गुणों के साथ होता है, शुद्धता तो होती ही है। साहब जहां थे वहाँ झरना था, संयोग कहें या उपर वाली की मेहर साहब जहां कप्तान साहब बन कर गए वहाँ भी झरना है। ये सहाफ़ी इस तलाश में है कि आखिर झरने के पानी में औषधीय तत्व कौन से होते हैं।
शौक-ए-दीदार है अगर है तो नज़र पैदा कर
बृजमोहन भैया नए नवेले या कहिए लंबे प्रेम संबंध के बाद घोषित रुप से बीजेपी के हुए अनुज शर्मा के साथ तस्वीर में दिखे। बिरजू भैया जो बोले नहीं है वो तस्वीर में जाहिर है। बिरजू भैया भी जानते हैं अनुज बाबू डॉक्टर साहब के प्रिय रहे हैं।
सुनो भई साधो
1- वो कौन कलेक्टर हैं जिनके डीएमएफ को लेकर खेल ने कोरबा को भी फेल कर दिया है ?
2 - प्रति किलोमीटर सेफ़्टी टैक्स छत्तीसगढ़ के किस इलाक़े का क़िस्सा है ?