ऐसे कार्यकर्ता को कैसे मनाएँगे भैया,कका को पटखनी देगा भतीजा,डॉक्टर के भाग्य में पाटन वाले भैया का रोल, पीएम के तेवर

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Yagyawalkya Mishra
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ऐसे कार्यकर्ता को कैसे मनाएँगे भैया,कका को पटखनी देगा भतीजा,डॉक्टर के भाग्य में पाटन वाले भैया का रोल, पीएम के तेवर




भईया, इन कार्यकर्ताओं का ग़ुस्सा कैसे थामेंगे



धम धम धड़म धड़ैया रे,सबसे बड़े लड़ैया रे वाले अपने पाटन वाले भईया बिंदास सीएम का पंचवर्षी गुज़ार लिए है।लेकिन इस फेर में जो क्षत्रपों के ईलाके के कार्यकर्ताओं का हाल हुआ है उसे देख समझना मुश्किल है कि इन्हें साधने कौन सा जादू चलेगा। एक ज़िले में बैठक हुई तो दिल्ली से आए भैया ने चंदन सी शीतलता देते हुए बताया सब एकजुट होकर काम करिए, बताइए कि सरकार ने सब शानदार काम किया है। एक कार्यकर्ता खड़ा हुआ और बोला चार साल में अपनी ही भाभी का ट्रांसफ़र तो करा नहीं पाया जनता को क्या बताउंगा कौन सा काम हुआ। एक नेताजी ने किनारे ले जाकर समझाया कि, अरे हो तो गया है न ट्रांसफ़र आपकी भाभी का, कार्यकर्ता ने छूटते जवाब दिया ‘हाँ हुआ न दो लाख देने के बाद हुआ।’





डॉक्टर,उनका भाग्य और पाटन वाले भैया



अपने डॉक्टर साब की क़िस्मत भी पूरी चौचक है। शनिचरी डॉक्टर से सीधे चले तो पंद्रह बरस के सीएम रहे। फिर पाँच बरस में एक वक्त लगा कि अब डॉक्टर साहब का रिटायरमेंट होने ही वाला है। लेकिन कहाँ का रिटायरमेंट, डॉक्टर साहब को फिर ज़िम्मा महत्व मिल रहा है। दरअसल उनका रिटायरमेंट हो जाता लेकिन ओम भाईसाब को दो बात समझ आ गई एक तो इस चेहरे का विकल्प नहीं और दम है तभी तो पूरे पाँच बरस हर जगह पाटन वाले भईया डॉक्टर डॉक्टर रटते रहे हैं। अब इतना डेशिंग सीएम जिसका नाम जाप करना कभी ना भूलें उसमें कुछ बात तो होगी, बीजेपी वालों को यही बात ज़्यादा कारगर लगी तो डॉक्टर साब को आला स्टेस्थिकोप रेडी करने के संकेत दे दिए गए हैं।






अरे कहना क्या चाहते हो भाई



अजीबे हाल है। मोदी जी आकर स्पेसिफिक घोटालों की बात कर गए, निशाने पर सरकार के मुखिया अधिकारी और मंत्रियों को भी ले लिए। अब इसका सटीक जवाब देने के बजाय राजीव भवन ये बता रहा है नई वो छोड़िए न कि हमको क्या बोले आप लोग ये देखिए इत्ते साल उत्ता इत्ता गड़बड़ हुआ उस पर मोदी जी काहेला नई बोले। कांग्रेसियों को सीधे बोलने में दिक़्क़त क्या है कि, जो प्रधानमंत्री जी बोले हैं गड़बड़ घोटाले की बात सब फ़र्ज़ी है सब ग़लत है, भैया से लेकर मंत्री अधिकारी सब पवित्र पावन हैं। ये तो वैसा ही हाल है कि मास्टर जी आए और शरारती बच्चों का ज़िक्र किए तो शरारती बच्चों ने बताया हो कि मास्टर जी पिछले साल की क्लास में भी इधर उधर हुआ था, वो लोग कॉलेज चले गए हैं आप उनको स्कूल से रेस्टिकेट करो। हमारा छोड़ो न!





पीएम मोदी के ये तेवर भला किसने सोचे थे



पीएम मोदी की साइंस कॉलेज मैदान की सभा में जो बातें मोदी जी ने बोलीं है उसमें इतनी नाभिकीय ऊर्जा है कि, सियासती मठों में तो एक तरफ़ इंद्रावती महानदी में भी उसकी गर्माहट और तपिश बेहद तेज है। नाभिकीय ऊर्जा की चकाचौंध क्यों नहीं होगी अब जो राज्य का पूरा प्रशासनिक महकमा ईडी की हलचल से सहमा बैठा है जिनकी अब तक कोयला से लेकर शराब में गिरफ़्तारी हुई है और ज़मानत तक के लाले पड़े हों उस राज्य में तीन और घोटाले और दो सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी का सीधा ज़िक्र कर प्रधानमंत्री वो भी मोदी जैसी शख़्सियत यह कह दें जो ग़लत किए हैं  बचेंगे नहीं तो जूड़ीताप बोखार तो धरबे करेगा।





मूणत भाईसाब का जल सत्याग्रह



बीजेपी के जिस मंच की खूब तारीफ़ हुई, वो मंच  बनाया राजेश मूणत ने। मंच पर बैठे भी थे कि अचानक ओम भाईसाब आए और कान में कुछ बोले, राजेश भाईसाब सीधे बाहर ही आ गए। कुछ लोग कहते हैं ज़ोर से रिसा के आए थे। लेकिन क़िस्मत भी कोई शै है कि नहीं। ऐसी जगह खड़े हुए कि बग़ल में साउंड बॉक्स से मोदी जी के भाषण की आवाज़ आ रही थी और बरसते पानी में राजेश भाईसाब वहीं खड़े रह गए। तेज तर्रार और बात बेबात ‘तेरी तो..’ करने में सिद्ध राजेश मूणत भले ग़ुस्सा के निकले थे लेकिन जिस अंदाज में वीडियो में क़ैद हुए और जो बयान उन्होंने इस पर दिया उसने माहौल खींच लिया है। राजेश भिया बोले हैं मैं कार्यकर्ता हूँ व्यवस्था देखने बाहर आया था मेरे नेता का भाषण शुरु हो गया तो वहाँ से कैसे हिलता।





तो कका को पटखनी दे लेगा भतीजा



बीजेपी के पंद्रह साल के शासनकाल में तीसरी पंक्ति चौथी पंक्ति तलाश रहे बीजेपी के रणनीतिकारों के लिए चौंकना स्वाभाविक है कि यह क़तार ही गुमशुदा कॉलम में दर्ज है। रणनीतिकारों ने यह भी पता तलाश किया कि, आखिर संघ क्यों रुठा। अब जवाब तलाशते असर दिखने लगा है। बिज्जू भैया को घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। बेहद तेज तर्रार और भिड़ंत को हमेशा तैयार बिज्जू भैया अमूमन दुर्ग से निकलते नहीं यह एक समस्या है। लेकिन उनको उनके समर्थकों ने बताया है अब तो बस्तर से सरगुजा का दौरा करना ही चाहिए। बिज्जू भैया याने विजय बघेल कुर्मी समाज के प्रदेश में प्रभाव रखने वाले सामाजिक नेता भी हैं।





विष्णु-धर्म भईया को हल्के में लेने का नई



बड़े बेआबरू होकर निकाले गए तेरे कूचे से, वाली बैकग्राउंड धुन अब बदल गई है। विश्व आदिवासी दिवस के दिन जशपुर वाले विष्णु भैया को प्रदेश अध्यक्ष पद से खो कर दिया गया तो धरम भैया का सब ठीक चल रहा लेकिन अचानक नेता प्रतिपक्ष का पिट्ठूल गिर गया। लेकिन अब माहौल फिर चौचक है। डॉ साहब के दोनों प्रिय को राष्ट्रीय कार्यसमिति में जगह दी गई है। धर्म भैया पिछली विधानसभा में किसी को कहते सुनाई दिए थे आएगा मेरा टाइम भी।




जब शुभ कारज बंद तो साय जी ?



 देवशयनी में देवता सोते हैं और चार महीने कोई शुभ काम नहीं होता। ये बात अपने पाटन वाले भैया ने ट्विट में लिखी थी। लेकिन जिस दिन लिखे उसी दिन औपचारिक रुप से कांग्रेसी बने साय जी को निगम मंडल का प्रभार मिला है।लगता है सिंहदेव के फेर में लिखा तो गया लेकिन सिंहदेव को पत्र तो देवता जब जाग रहे थे तभी जारी हो गया था।





शौक-ए-दीदार है तो नज़र पैदा कर



रंग बिरंगा डब्बा कितना अच्छा लगता है न, लेकिन इस रंग बिरंगे डब्बों ने कइयो के रंग उड़ा दिए हैं। यह ईडी का शराब घोटाला मामले का तेरह हज़ार पन्ने का परिवाद है। चार से छ लोग तो इसे ढोकर लाने में लगे थे।



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सुनो भई साधो



1- शाहजी के फिर आने के बाद और मोदी जी के आने के पहले क्या बड़ा होने वाला है ?



2- 24 अकबर रोड वाली बैठक में जिस बात ने पहले से कुपित राहुल का क्रोध और बढ़ा दिया वह बात किस मंत्री ने कही थी ? किस बात को लॉबिंग समझ लिया गया ?


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