दुर्ग से सफलता की दास्तां, दिनभर ईंट बनाती और रातभर पढ़ाई, दोनों बहनों में बड़ी यूनिवर्सिटी टॉपर तो छोटी ने नीट परीक्षा पास की

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Shivam Dubey
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दुर्ग से सफलता की दास्तां, दिनभर ईंट बनाती और रातभर पढ़ाई, दोनों बहनों में बड़ी यूनिवर्सिटी टॉपर तो छोटी ने नीट परीक्षा पास की











Raipur. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से मिसाल देने वाली खबर सामने आई है। इसमें दो बहनों ने ऐसे हालातों में सफलता हासिल की जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। दरअसल दुर्ग के डुमरडीह में रहने वाली युक्ति चक्रधारी और यमुना चक्रधारी ने शानदार उपलब्धियां हासिल की है। दोनों सगी बहने हैं जिसमें से एक ने यूनिवर्सिटी टॉपर और दूसरी ने नीट की परीक्षा में सफलता के झंडे गाड़ें हैं। 





ईंट बनाने के साथ-साथ पढ़ाई में सफलता





दुर्ग के डुमरडीह की दोनों बहनें युक्ति चक्रधारी और यमुना चक्रधारी ने परिवार की विषम परिस्थितियों को देखते हुए ईंट बनाने का काम करती है। जिससे घर चलाने के लिए खर्चा निकल सकें। लेकिन दोनों बहनों के मजबूत इरादों ने सबको चौंका दिया है। इन दोनों बहनें दिनभर में 8 से लेकर 10 घंटे तक ईंट बनाने का काम, इसके बाद घर के सभी काम करती हैं। इसके बाद जो समय बचा उस समय में पढ़ाई करती है। ऐसे में ये सफलता दोनों के लिए बहुत बड़ी है साथ ही दूसरे छात्र छात्राओं के लिए प्रेरणा का सबब भी है। 







एक बनी यूनिवर्सिटी टॉपर, दूसरी ने नीट परीक्षा पास की





ईंट बनाने के काम के साथ दोनों बहनों ने ना केवल पढ़ाई को जारी रखा, बल्कि उसमें शानदार उपलब्धियां हासिल की है। मिली जानकारी के अनुसार दोनों में से बड़ी बहन युक्ति एमए की पढ़ाई करते हुए यूनिवर्सिटी दूसरी टॉपर बन गई हैं। वहीं छोटी बहन यमुना ने मेडिकल में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा नीट में सफलता हासिल कर मिसाल प्रस्तुत की है। यमुना ने नीट में 720 में से 516 अंक लेकर ऑल इंडिया रैंक 93 हजार 683 और ओबीसी कैटेगिरी में रैंक 42 हजार 864 हासिल की।





दोनों बहनों के पास मोबाइल नहीं फिर भी...





आज के युग में हर कोई पढ़ाई के लिए मोबाइल, लैपटॉप की मदद लेता है। देश ने इतनी तरक्की कर ली है फिर भी दोनों बहनों के पास मोबाइल फोन नहीं है ऐसे में दोनों बहनों ने किताबों और नोट्स की मदद से परीक्षा की तैयारी की है। बताया जा रहा है कि दोनों बहनों की मां कुसुम निरक्षर हैं, मगर अपनी बेटियों की सफलता से बहुत खुश हैं। दिनभर कड़ी मेहनत के बावजूद रात में जागकर पढ़ाई कर दोनों बहनों ने यह सफलता पाई है। पिता बैजनाथ परिवार में हो रही शादी में हिस्सा लेने दो दिन से गांव गए है। मोबाइल फोन नहीं होने की वजह से बेटी के नीट में सफल होने की जानकारी उन्हें गुरुवार शाम तक नहीं हो पाई थी।



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