राजीव मितान क्लब के नाम पर CG में 24 करोड़ का फर्जीवाड़ा

जनवरी 2020 में राज्य युवा महोत्सव के अवसर पर पूर्व CM भूपेश बघेल ने इस योजना की घोषणा की थी। इसकी शुरुआत 18 सितंबर 2021 को हुई। इसमें 15 से 40 साल के 20 से 40 युवाओं को शामिल किया गया था।

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CHAKRESH
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राज्यभर के 33 जिलों में 13 हजार 242 क्लब बनाए गए हैं।

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ के राजीव मितान क्लब ( Rajiv Yuva Mitan Club ) को भुगतान किए गए पैसों में जमकर बंदरबांट होने का मामला सामने आ रहा है। रायपुर जिले में बने राजीव मितान क्लब योजना में तो क्लब के खातों के बजाय क्लब संचालकों के निजी खातों में रकम जमा कर दी गई। हालात यह हैं कि दो साल में किसी भी क्लब का ऑडिट तक नहीं किया गया। मामला हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ा होने के चलते अफसर भी जांच करने से घबराते रहे। 

पहले समझें युवा मितान क्लब को

जनवरी 2020 में राज्य युवा महोत्सव के अवसर पर पूर्व CM भूपेश बघेल ने इस योजना की घोषणा की थी। इसकी शुरुआत 18 सितंबर 2021 को हुई। इसमें 15 से 40 साल के 20 से 40 युवाओं को शामिल किया गया था। Yuva Mitan Club का काम था कि युवाओं को छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही खेलों में भी आगे बढ़ाएंगे। इसके अलावा युवाओं को कैरियर मार्गदर्शन के लिए भी क्लब की ओर से कार्यक्रमों का आयोजन करना था। इन कामों के लिए हर एक क्लब को तीन महीने में 25 हजार का अनुदान दिया गया था। बता दें कि युवाओं में खेल, संस्कृति और कैरियर बनाने को बढ़ावा देने के लिए रायपुर समेत राज्यभर के 33 जिलों में 13 हजार 242 क्लब बनाए गए।

मगर, न बैठक हुई ना ही हिसाब दिया

सरकार ने जोर- शोर से क्लब बनवा तो दिए, मगर दो साल में न तो कभी क्लब की बैठक की और न ही मिले फंड का हिसाब लिया गया। भूपेश बघेल सरकार ने भी कभी इस पर आपत्ति नहीं की। इन क्लबों पर मेहरबानी इतनी रही कि किसी भी साल, किसी भी क्लब का फंड तक नहीं रोका गया।  अब तक इन क्लबों को 132 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है। केवल रायपुर शहर में ही 200 से ज्यादा क्लब बनाए गए और 2 साल में 24 करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया गया। इस तरह CG में 24 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया गया। 

समिति में हाई प्रोफाइल लोग

युवा मितान क्लब में इतने हाई प्रोफाइल लोगों को रखा गया कि हर अफसर इसकी जांच तक करने में भी घबराता रहा। शासी निकाय का अध्यक्ष उस समय के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपाध्यक्ष खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, लोकसभा सांसद दीपक बैज, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, विधायक देवेन्द्र यादव, विधायक विनय भगत, सीएस अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू को सदस्य तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव को पदेन सदस्य सचिव बनाया गया था। इससे अफसर जांच करने से कतराते थे।

जांच के बाद कार्रवाई होगी

कांग्रेस सरकार ने अपने लोगों को फायदा देने के लिए योजना बनाई थी। इसलिए इसको बंद कर दिया गया है। इसमें पिछले 3 साल में 132 करोड़ रु. से ज्यादा की रकम खर्च की गई। इसकी जांच जारी है। कलेक्टरों से कहा है कि क्लब संचालकों से रिपोर्ट मांगें। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई तय होगी।
-टंकराम वर्मा,खेलकूद और युवा कल्याण मंत्री छत्तीसगढ़

 

 

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