सवा महीने बीतने के बाद बीजेपी भले ही राज्य में 36 लाख सदस्य बनाने में कामयाब हुई हो लेकिन पार्टी के विधायक और मंत्री फिसड्डी साबित हुए हैं। पार्टी के 38 विधायक अभी अपने टारगेट से आधे सदस्यों तक भी नहीं पहुंचे हैं। वहीं आठ मंत्री भी मेंबर बनाने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं।
महज एक विधायक ने ही अपने टारगेट से ज्यादा सदस्य बनाए हैं, वहीं 5 विधायक ऐसे हैं जो टारगेट के आधे से ज्यादा सदस्य बना पाए हैं। वहीं दो मंत्रियों ने अपने लक्ष्य से आधे सदस्य बनाए हैं। दोनों डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री भी सदस्य बनाने में फिसड्डी साबित हुए हैं। नेताओं के सामने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक और मुश्किल बढ़ा दी है। नेताओं की यह हालत देख उन्होंने सक्रिय सदस्य बनाने का टारगेट भी दोगुना कर दिया है।
मेंबर बनाने में मंत्री-विधायकों की निकली हवा
बीजेपी का सदस्यता अभियान 2 सितंबर से शुरु हुआ है। यानी अब तक सवा महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। छत्तीसगढ़ को केंद्र ने 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया था। लेकिन हाल ही में रायपुर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 50 लाख का लक्ष्य बढ़ाकर 60 लाख कर दिया। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मंत्रियों और विधायकों को 20_20 हजार सदस्य बनाने का टारगेट दिया गया। लेकिन इस टारगेट को पूरा करने में मंत्री-विधायकों की हवा निकल गई है।
टारगेट पूरा करना तो दूर मंत्री-विधायक उसके आधे पर भी नहीं पहुंच पाए हैं। महज एक विधायक रिंकेश सेन ने अपने टारगेट से ज्यादा मेंबर बनाए हैं। वहीं पांच विधायकों ने आधे से ज्यादा का लक्ष्य पूरा किया है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में 38 विधायक ऐसे हैं जो अपने टारगेट से आधे मेंबर भी नहीं बना पाए हैं। वहीं 10 में 8 मंत्री अपने टारगेट में फिसड्डी रहे हैँ,वे भी अपने आधे मेंबर नहीं बना पाए। सिर्फ दो मंत्री ही टारगेट से आधे सदस्यों तक पहुंच पाए हैं।
हैरानी की बात है कि दोनों डिप्टी सीएम विजय शर्मा और अरुण साव और वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी अपने लक्ष्य से आधे मेंबर तक भी नहीं पहुंच पाए। इस बात पर सवाल इसलिए है क्योंकि 10 महीने पहले हुए चुनाव में इन मंत्रियों ने लाखों वोट लेकर जीत हासिल की थी। और अब यही नेता उन लाखों लोगों में से बीस हजार मेंबर नहीं बना पा रहे हैं। बीजेपी ने अब तक अपना आंकड़ा 36 लाख पार कर लिया है लेकिन इसमें मंत्री और विधायकों का योगदान बहुत कम है। यह आंकड़ा 7 अक्टूबर तक का है।
ये है मंत्रियों की मेंबरशिप की स्थिति
दयालदास बघेल : 12 हजार 804
लखनलाल देवांगन : 11 हजार 115
लक्ष्मी राजवाड़े : 9 हजार 693
विजय शर्मा : 8 हजार 596
ओपी चौधरी : 8 हजार 451
टंकराम वर्मा : 6 हजार 327
रामविचार नेताम : 7 हजार 794
अरुण साव : 7 हजार 812
आधे से ज्यादा टारगेट पर पहुंचे ये विधायक
रिंकेश सेन : 32 हजार 490
अजय चंद्राकर : 13 हजार 700
रोहित साहू : 13 हजार 102
नीलकंठ टेकाम : 11 हजार 383
भावना बोहरा : 10 हजार 270
इंद्रकुमार साहू : 10 हजार 182
ये हैं सबसे फिसड्डी विधायक
भैयालाल राजवाड़े : 549
चैतराम अटामी : 734
विक्रम उसेंडी : 845
विनायक गोयल : 2 हजार 488
प्रणव कुमार : 3 हजार 360
सक्रिय सदस्य बनाना मुश्किल
बीजेपी नेताओं को सदस्य बनाने में बेहद मुश्किल आ रही है। पिछली बार के मेंबर भी तलाशे जा रहे हैं क्योंकि वे सिर्फ मिस्ड कॉल से सदस्य बने थे जबकि इस बार हर सदस्य का फॉर्म भरवाया जा रहा है ताकि सदस्यता सिर्फ कागजों में नहीं बल्कि जमीन भी दिखाई दे। हाल ही सदस्यता अभियान की समीक्षा करने आए जेपी नड्डा के सामने यह स्थिति भी आई कि जिन नेताओं ने सक्रिय सदस्यता के पैमाने के अनुसार 50 सदस्य बना लिए हैं वे अब सदस्य बनाने में ढिलाई बरत रहे हैं। नड्डा ने यह टारगेट बढ़ा दिया। अब सक्रिय सदस्य बनने के लिए 100 लोगों को सदस्य बनाना जरुरी है। यही कारण है कि अब नेताओं को सक्रिय सदस्यता के लिए और मुश्किल पेश आती जा रही है। सक्रिय सदस्यता का लेखा जोखा 15 अक्टूबर से शुरु होगा।
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