छत्तीसगढ़ में 411 करोड़ का दवा निगम घोटाला, ED करेगी बड़ी कार्रवाई

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में हुए 411 करोड़ रुपये से ज्यादा के दवा और रिएजेंट घोटाले ने राज्य की नौकरशाही और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

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Kanak Durga Jha
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411 crore drug corporation scam Chhattisgarh ED action
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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में 411 करोड़ से ज्यादा के दवा और रीएजेंट घोटाले में ईडी की जांच तेज हो गई है। सीजीएमएससी में पदस्थ रहे वरिष्ठ आईएएस अफसरों से पूछताछ की तैयारी है।

मुख्य आरोपी शशांक चोपड़ा समेत 7 लोग पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। ईडी ने रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में 18 जगह छापे मारे थे। अब ईडी कोर्ट की अनुमति लेकर जेल में बंद अफसरों और व्यापारियों से पूछताछ करेगी और आईएएस को नोटिस देकर बुलाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही कुछ और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

ये अफसर रेडार में, जल्द होगी पूछताछ

दवा घोटाले केस की जांच कर रहे ED अफसरों की रेडार में भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा, मीनाक्षी गौतम, बसंत कौशिक, डॉ. अनिल परसाई, क्षिरौंद्र रावटिया, कमलकांत पाटनवार, आनंद राव और एक IFS समेत 10 अधिकारी रडार में हैं। ईडी के सूत्रों का दावा है, कि आने वाले दिनों में इनसे पूछताछ होगी।

अब पढ़े कैसे फूटा दवा घोटाला

दरअसल, दिसंबर 2024 में पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्रालय, सीबीआई और ईडी मुख्यालय में सीजीएमएससी में हुए घोटाले की शिकायत की थी। उनकी शिकायत पर केंद्र सरकार ने ईओडब्ल्यू को जांच के निर्देश दिए। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने पांच लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की।

  • दिसंबर 2024: पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने दिल्ली जाकर PMO, गृह मंत्रालय, CBI और ED को शिकायत दी।

  • EOW ने FIR दर्ज की: सीधी जांच शुरू हुई, 5 नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर हुई।

  • ED की कार्रवाई: रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग में 18 ठिकानों पर छापेमारी, दस्तावेज जब्त।

  • अब तक की गिरफ्तारी:

    • मुख्य आरोपी शशांक चोपड़ा सहित 7 लोग जेल भेजे जा चुके हैं।

अब समझिए कैसे फर्म को मिलता था टेंडर?

सीजीएमएससी के अधिकारियों ने मोक्षित कॉर्पोरेशन को महज 27 दिनों में करीब 750 करोड़ रुपये के ऑर्डर दे दिए। जबकि मेडिकल किट और उपकरणों की तत्काल कोई ज़रूरत नहीं थी, फिर भी योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया।

मोक्षित कॉर्पोरेशन और श्री शारदा इंडस्ट्रीज ने मिलकर सीजीएमएससी में दवा आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया में मिलीभगत की। अधिकारियों ने फर्म के अनुसार टेंडर की शर्तें तय कीं, जिससे अन्य कंपनियां स्वतः दौड़ से बाहर हो गईं। इस रणनीति से इन्हीं फर्मों को टेंडर मिला, जिससे उनके कारोबार में सीधा फायदा हुआ।

CGMSC घोटाले में अब आगे क्या-क्या होगा ?

ईओडब्ल्यू के अधिकारी अब घोटाले की कड़ियों को जोड़ने में जुट गए हैं और उस समय सीजीएमएससी में तैनात अधिकारियों से पूछताछ की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अब तक दो अधिकारियों से सवाल-जवाब किए जा चुके हैं। दवा खरीदी के समय विभाग में कार्यरत अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी। जल्द ही कुछ और गिरफ्तारी होने की संभावना जताई जा रही है।

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FAQ

यह घोटाला किस विभाग में हुआ?
CGMSC (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन) के जरिए दवाओं की खरीद-फरोख्त में।
कितनी राशि का घोटाला बताया जा रहा है?
अनुमानित 411 करोड़ रुपये से अधिक।
कौन-कौन गिरफ्तार हो चुका है?
शशांक चोपड़ा समेत 7 लोग, जो मुख्य आरोपी हैं।
किन अधिकारियों पर जांच का खतरा है?
कुल 10 से ज्यादा IAS, IFS और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर ईडी की नजर है।

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