छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ जवानों ने बड़ी कार्रवाई की है। सुरक्षाबलों ने 5 नक्सल सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों द्वारा एक करोड़ रुपए से अधिक का लेव्ही वसूलकर नक्सलियों को भेजे जाने का सबूत मिला है। मोहला-मानपुर पुलिस ने खुलासा किया है कि पकड़े गर पांच नक्सली सहयोगी नक्सलियों के लेव्ही वसूलने का काम करते थे। ये तेंदूपत्ता के ठेकेदारों को डरा धमकाकर उनसे करोड़ों रुपए वसूलते थे। इसके साथ ही पुलिस ने पांचों का आदिवासी नेता से भी संबंध होने का खुलासा किया है।
ठेकेदारों को डरा धमकाकर करते थे वसूली
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने खुलासा किया कि नक्सलियों के द्वारा भैरमगढ़ क्षेत्र में तेंदूपत्ता ठेकेदारों को जान-माल नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर सोनाराम फरसा, विजय जुरी, रामलाल करभा और राजेंद्र कड़ती के माध्यम से लेव्ही वसूली की जा रही थी। आरोपियों ने 2022 में एक करोड़ रुपए लेव्ही वसूली करने का टारगेट बनाया था। इसके लिए आरोपी तेंदूपत्ता संग्राहकों के ठेकेदारों को जान से मारने की धमकी देकर और डरा-धमकाकर उनसे वसूली करते थे।
आरोपियों का आदिवासी नेता से संबंध
मामले में पुलिस ने आरोपियों का आदिवासी नेता से संबंध होने का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने जानकारी दी कि सहयोगियों के द्वारा नक्सलियों के आदेश पर शहरी नेटवर्क को सपोर्ट करने के लिए नक्सल संगठन के शहरी सदस्यों के यात्रा एवं अन्य खर्चों के लिए ऑनलाइन पैसे ट्रासंफर करते थे, जिसके तहत सूरजू राम टेकाम के यात्रा हेतु लेव्ही का रुपए पैसे दिया गया।
पांच आरोपी गिरफ्तार
लेव्ही वसूल की इस कार्रवाई में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सोनाराम फरसा, विजय जुर्री, रामलाल करमा, राजेंद्र कड़ती ने अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से लेव्ही के तकरीबन 60 लाख रुपए प्राप्त किए और बाद में बैंक से नगदी निकालकर नक्सलियों को पहुंचाने का कार्य करते थे। राजेंद्र कड़ती का बड़ा भाई मोहन कड़ती कुख्यात नक्सली कमांडर भैरमगढ़ क्षेत्र का है।उक्त सभी कई सालों से नक्सलियों से मिलकर ठेकेदारों से लेव्ही वसूली, नक्सलियों को राशन, दवाई व अन्य जरूरत की सामग्री का सप्लाई कर रहे थे।
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