Chhattisgarh's 6691 villages In PMJUGA : केंद्र सरकार द्वारा देशभर में प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (पीएमजेयूजीए) चलाया जा रहा है। योजना में कई राज्यों के गांवों का विकास किया जाएगा। इसमें छत्तीसगढ़ के 32 जिलों के 138 विकासखंड के 6691 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों को शामिल किया गया है। इन सभी गांवों में अस्पताल, सड़क, इंटरनेट, स्कूल समेत अन्य चीजों की सुविधा दी जाएगी।
इसे लेकर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय की मदद से गांव में ट्राइबल मल्टीपरपज मार्केटिंग सेन्टर्स, आश्रम शाला, छात्रावासों, शासकीय जनजातीय आवासीय विद्यालयों में अधो-संरचनात्मक सुधार, सिकलसेल डिजीज के लिए सपोर्ट-काउन्सलिंग, काम्पीटेन्स सेंटर की स्थापना, डिजिटाइलेशन के काम होंगे।
बस्तर में विकास बेहद जरूरी
छत्तीसगढ़ में विकास के लिए केंद्र ने बस्तर को प्राथमिकता दी है। सरकार के इस योजना में कई गांवों बस्तर संभाग के हैं। सालों से नक्सली प्रभावित होने के कारण बस्तर में विकास नहीं हो पाया। बस्तर के कई गांवों में आज भी मुलभुत जरूरतों की सुविधा नहीं हैं। बस्तर के कई गांवों में आज तक पीने का शुद्ध पानी, स्वास्थ्य केंद्र व स्कूलों की सुविधा नहीं हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने पीएमजेयूजीए योजना में बस्तर के कई जिलों को शामिल किया है।
इसमें नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंडागांव और कांकेर में बसे कई गांव शामिल हैं। इसके साथ-साथ सरगुजा संभाग के भी कई गांवों में यह अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को अंदरूनी इलाकों में चलाने का एक यह भी उद्देश्य है कि सरकार लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए जागरूक करेगी।
आदिवासी और अनुसूचित जाति इलाकों पर खास फोकस
इस अभियान के तहत आदिवासी और अनुसूचित जाति इलाकों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा इन इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी। अभियान के तहत आदिवासी परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास के काम होंगे। सभी गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट लाए जाएंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केन्द्र सरकार की ओर शुरू की गई इस योजना का राज्य में बेहतर क्रियान्वयन करने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
आदिवासी गांवों और आकांक्षी जिलों में काम किए जाएंगे। स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, कनेक्टिविटी और लाईवलीहुड के सेक्टर्स के काम होंगे। छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री नेताम ने बताया कि, प्रदेश में लगभग 30.62 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। इसे देखते हुए योजना में हर गांव के विकास के लिए 20.38 लाख रुपए के हिसाब से राशि की स्वीकृति दी गई है। इसमें गांव की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग काम होंगे।
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