74 सहकारी समितियों को नहीं मिली तीन करोड़ की मदद... कर्मचारियों में नाराजगी

धमतरी जिले की 74 सहकारी समितियों को इस साल करीब तीन करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि से वंचित होना पड़ा है। इस निर्णय से समितियों और कर्मचारियों को करोड़ों का नुकसान हो चुका है। 

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Kanak Durga Jha
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74 cooperative societies did not get 3 crore rupees help
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धमतरी जिले की 74 सहकारी समितियों को इस साल करीब तीन करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि से वंचित होना पड़ा है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद शून्य प्रतिशत शार्टेज दिखाने पर समितियों और कर्मचारियों को यह राशि सालों से मिलती आ रही थी, लेकिन वर्ष 2024-25 से इसे बंद कर दिया गया है। इस निर्णय से समितियों और कर्मचारियों को करोड़ों का नुकसान हो चुका है। 

समिति पदाधिकारियों का कहना है कि इन्हीं पैसों से समितियों का खर्च चलता था। अब राशि बंद होने से खरीदी केंद्रों में शार्टेज बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। प्रदेश स्तर पर भी असर पड़ा है। छत्तीसगढ़ की 2058 समितियों को हर साल लगभग 55 करोड़ रुपये मिलते थे। अब प्रोत्साहन राशि बंद होने से पूरे प्रदेश की समितियों और कर्मचारियों में नाराजगी है।

एकमुश्त करीब तीन करोड़ रुपये की राशि मिलती थी

जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी ब्लाक में कुल 74 समितियां संचालित है। इन समितियों के माध्यम से 100 केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होती है। खरीदी के दौरान केन्द्रों के अधिकारी-कर्मचारी प्रोत्साहन राशि मिलने की वजह से केन्द्रों में किसी भी तरह से शून्य प्रतिशत शार्टेज धान दिखाता था, इसके बाद ही उन्हें शासन से प्रति क्विंटल पांच रुपये प्रोत्साहन राशि के अनुसार पूरे जिले के लिए एकमुश्त करीब तीन करोड़ रुपये की राशि मिलता थी, जिसे समितियों को प्रदान किया जाता है। समिति को ढाई रुपये और धान खरीदी में लगने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को ढाई रुपये मिलता था। 

प्रदेश में 2058 सहकारी समितियों को मिलता था 55 करोड़ रुपये

छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ रायपुर के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार साहू ने आरोप लगाते हुए कहा है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद शून्य शार्टेज प्रोत्साहन राशि को वर्ष 2024-25 से सरकार ने बंद कर दिया है।

इससे समितियों और धान खरीदी में कार्य करने वाले कर्मचारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इसका विपरीत असर आगामी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में दिखेगा। जिले को करीब तीन करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि मिलता था और पूरे प्रदेश में 55 करोड़ रुपये के आसपास मिलता था। प्रोत्साहन राशि बंद होने का विपरीत असर प्रदेश के 2058 समितियों को सीधे तौर पर पड़ा है। 

भविष्य में शार्टेज की कैसी होगी भरपाई

खरीफ धान फसल तैयार हो रही है। कटाई-मिंजाई के बाद इस साल समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की खरीदी राज्य सरकार करेगी। उल्लेखनीय है कि हर साल समितियों व कर्मचारियों को शून्य प्रतिशत शार्टेज पर प्रोत्साहन राशि मिलता था, लेकिन अब यह राशि मिलना बंद हो गया है, ऐसे में शून्य शार्टेज प्रतिशत आना किसी चुनौती से कम नहीं है।

प्रोत्साहन राशि पाने के लिए धान खरीदी करने वाली समितियां व कर्मचारी शासन-प्रशासन के दबाव में आकर शून्य प्रतिशत धान का शार्टेज दिखाते थे, लेकिन आगामी धान खरीदी में शून्य प्रतिशत शार्टेज होना सरकार के लिए चुनौतियां है।

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