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बस्तर को नक्सलमुक्त बनाने फोर्स लगाकर अक्रामक स्वा अपनाए हुए है। गर्मी के दिनों में जहां मुठभेड़ों में जवानों ने कई बड़े नक्सलियों को मार गिराया है, वहीं बारिश के दिनों में भी जवानों के ऑपरेशन बड़े पैमाने पर जारी हैं। मिशन 2026 को पूरा करने 8 महीने बचे हुए हैं।
इतने कम समय में बड़ा मिशन पूरा करने जवान बारिश में बारिश में भी ऑलेशन लॉन्च किए हुए हैं। लखत्म हो रही बारिश के बावजूद जवान जंगल की क उनकर नक्सलियों के शीर्ष नेताओं की खोजबीन जारी रखे हुए हैं।
नक्सलियों पर जवानों के हमले से सूचना होगी प्रभावित
बीजापुर जिले के मासामुड़ा-गंगलूर के जंगल में शनिवार को मने गए 3 एसीएम और एक पार्टी सदस्य दक्षिण बस्तर सब जोनल म्यूरो की कम्यूनिकेशन टीम के सदस्य रहे हैं। दरजाल वक्षिण बस्तर सब जोनल ब्यूरो नक्सलियों का वो संगठन है, जो दक्षिण बस्तर यानि दंतेवाड़ा, सुकना व बीनापुर जिले के साथ ही
इन तीनों जिलों से लगे सीमा इलाकों में सक्रिय है।
दक्षिण बस्तर के तीनों जिलों में कम्युनिकेशन यानी सूत्रों का आदान-प्रदान करने के साथ ही पर्ने बैनर, पोस्टर, पत्र, बिज्ञप्ति सहित अन्य सूबना साधनों का उपयोग कर में टीम बड़े नक्सलियों के संदेश को निचले स्तर तक पहुंचाने का काम करती है।
बरसात में नवसल गतिविधि के साथ ऑप्रेशन बंद
पहले बारिश के दिनों में नक्सली गतिविधियों के साथ ही जवानों को तरफ से भी ऑपरेशन बंद रहते थे। इसके पीछे का कारण ये होता था कि नकालियों को बारिश में अपनी गतिविधियां चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में जंगलों के अंदरूनी इलाकों में नमान्ली अस्थायी कैंप बनाते थे।
मिशन पूरा करने बचे 8 महीने, चला रहे ऑपरेशन
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सालमुक्त बनाने का ऐलान कर सखा है। ऐसे में बस्तर में पुलिस मिशन 2026 के तहत ऑपरेशन लॉन्च कर रही है। चूंकि मिशन 2026 को पूरा करने महज 8 महीनों का समय यह गया है। ऐसे में फोर्स बारिश में भी ऑपरेशन चला रही है।
बारिश में भी जारी ऑपरेशन – ‘ऑपरेशन मानसून’ - गृह मंत्री अमित शाह ने साफ़ शब्दों में कहा: “मॉनसून के दौरान कोई रियायत नहीं”, यानी नक्सलियों को सक्रियता से कवर नहीं मिलने दे। - बस्तर संभाग में वर्षा और नदी-उफान को ध्यान में रखते हुए भी ऑपरेशन लगातार किए जा रहे हैं।
- हाल ही में बीजापुर के बसागुड़ा–गंगलूर इलाके में चार नक्सलियों की गोलीबारी में मौत हुई—इनमें 3 एसीएम और 1 पार्टी सदस्य शामिल था, जिन्होंने ₹17 लाख बाउंड्री पर अभियोगात्मक भूमिका निभाई थी। उच्च स्तर पर निशाना - PLGA Platoon No. 1, जो वरिष्ठ Maoist कमांडरों के ट्रांजिट को सुरक्षित करने के लिए बनाया गया था, अब सुरक्षा बलों द्वारा सक्रियता से निशाना बना ली गई है। इससे नक्सली सूचना प्रणाली बाधित होती दिख रही है। - मई 2025 के अबूझमाड़ मुठभेड़ में नंबाला केशव राव (Basavaraju) सहित 27 नक्सली मारे गए, जिससे Maoist नेतृत्व को बड़ा झटका लगा।
गिनती और आत्मसमर्पण की लहर - जनवरी 2024 से जुलाई 2025 तक 425 नक्सलियों को मार गिराया गया, 1,388 ने आत्मसमर्पण किया, और 1,443 गिरफ्तार किए गए। |
अधिकांश नक्सली जान बचाने कर रहे समर्पण
नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन के चलते अधिकमा नकली अपनी जान बचाने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं। कहीं कुछ नमसली जो अब भी मीडों में भटक यो हैं, ये जानों की गोलियों का शिकार बनते है। यही नहीं, कुछ बड़े नफाली सलगढ़ की सीमा पार कर दूाले राज्यों में भी पनाह लेने भाग रहे हैं। जवानों ने माड़ इलाके को तकरीबन अस्ने कम्ों में ले लिया है। जहां जवान कम्प्या नहीं कर पाए हैं, यहां के लिए रणनीति भी तैयार है।
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