प्रशासन आमजन की समस्याएं सुलझाने में नाकाम, बिलासपुर हाईकोर्ट खुद ले रहा संज्ञान

छत्तीसगढ़ में एक बड़ी शासकीय मशीनरी काम कर रही है। फिर भी बिलासपुर और राज्य के दूसरे जिलों में ऐसा कुछ हो रहा है कि हाईकोर्ट खुद जनसमस्याओं के मामले में संज्ञान लेकर राहत और न्याय देने की कोशिशों में जुटा दिखाई पड़ रहा है...

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Shiv Shankar Sarthi
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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में बिलासपुर हाईकोर्ट ने हाल ही में जन समस्याओं से जुड़े लगभग आधा दर्जन मामलों में स्वतः संज्ञान लिया है। इसके चलते आम लोगों के मन में न्याय पालिका के प्रति सम्मान बढ़ा है। राज्य में एक बड़ी शासकीय मशीनरी काम कर रही है। फिर भी जाने अनजाने बिलासपुर और राज्य के दूसरे जिलों में ऐसा कुछ हो रहा है कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर राहत और न्याय देने की कोशिशों में जुटा दिखाई पड़ रहा है। एक छात्रा की मौत पर भी हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। पार्किंग में गुंडागर्दी अवैध वसूली, सिम्स अस्पताल में खराब चिकित्सा सुविधाएं, रेत की अवैध निकासी और ध्वनि प्रदूषण पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया हैI 

संज्ञान लेने की वजह कहीं ये तो नहीं

शासकीय सिस्टम में आज भी सीएम और सीएस की चिट्ठियां कई बार फाइल्स में दबकर रह जाती हैं, लेकिन जब मामले अदालत या हाईकोर्ट की नजर में हो तो पीड़ित या प्रभावितों को न्याय मिलने की संभावना बढ़ जाती है। the sootr ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के संज्ञान के मामलों को खंगाला तो पाया कि हाईकोर्ट जनहित के मामलों में बेहद संजीदा हैI हाईकोर्ट की इस संजीदगी से आम लोग सराबोर हैं और सिस्टम को कहीं ना कहीं टेंशन हुआ है।

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हाईकोर्ट ने किन-किन मामलों में संज्ञान लिया...

  1. बिलासपुर में रेत की अवैध निकासी के दौरान तीन मौतें हुई, हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया 

  2. शराब दुकानों के आसपास अवैध अहाते, हाईकोर्ट ने संज्ञान लियाI

  3. बिलासपुर रेल स्टेशन में प्रीमियम पार्किंग के नाम पर 59 रुपयों की अवैध वसूली हाईकोर्ट ने संज्ञान लियाI

  4. सिम्स अस्पताल में खराब चिकित्सा व्यवस्था हाईकोर्ट ने संज्ञान लियाI

  5. बिलासपुर में ध्वनि प्रदूषण, हाईकोर्ट ने संज्ञान लियाI

  6. बिलासपुर जिले के एक प्राथमिक स्कूल में मिड डे मिल के दौरान उबलते खीर में गिरकर छात्रा की मौत, हाईकोर्ट ने संज्ञान लियाI

संज्ञान में लेने का ताजा उदाहरण

भीषण गर्मी के चलते राज्य शासन ने 16 जून के बजाय 26 जून से स्कूल्स खोले जाने का निर्णय दिया। 26 जून से स्कूली कक्षाएं शुरू हुईं। इस दौरान राज्य के कुछ जिलों में स्कूल की छतों से प्लास्टर गिरने लगे, छात्र-छात्रा चोटिल होने लगे। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने  संज्ञान लिया है। इस मामले में राज्य शासन जवाब देने की तैयारी में है। संज्ञान के चलते ही शायद सभी जिला कलेक्टर्स को मुख्यमंत्री जतन योजना की समीक्षा करने का आदेश जारी किया है। समीक्षा आदेश से पहले एक आदेश यह जारी हुआ था कि कलेक्टर आपके जिले में मुख्यमंत्री जतन योजना की राशि दी जा चुकी है।

अब बात राजधानी की

ट्रैफिक जाम, ध्वनि प्रदूषण, रेल स्टेशन क़े पार्किंग में अवैध वसूली और डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर हॉस्पिटल में डॉक्टर्स का दुर्व्यवहार, उपकरणों की खराबी, डॉक्टर्स की कमी जैसे मामले अक्सर या रोज ब रोज होती हैं, लेकिन इन मामलों या परेशानियों को झेलना आम लोगों की मजबूरी है।

संज्ञान के अन्य उदाहरण

आठ जून 2024 को अंबिकापुर के नवानगर उप स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला ने फर्श पर बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान उप स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर/ नर्स नहीं थेI प्रसव के दौरान मौजूद मितानिन ने जरूर मदद की। इस मामले पर भी संज्ञान लिया गया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की पीठ ने इसको बहुत खेदजनक स्थिति कहा हैI कवर्धा जिले में सड़क हादसे से 19 आदिवासियों की मौत हुई। 21 मई 2024 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया। जनहित का मामला मानकर रजिस्टर्ड किया। पहली सुनवाई डबल बेंच में 24 मई 2024 को हुईI मामले में सुनवाई अभी भी जारी है।

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