AIIMS Raipur : रायपुर एम्स में चोरी का मामला सामने आया है। चोरी डस्टबिन हुई थी, लेकिन ये कोई मामलू डस्टबिन नहीं थी।
इसकी कीमत है 6 लाख रुपए । इसे ( Radioactive Lead Dustbin ) लेड धातु से बनाया गया है। इसका भारी भरकम वजन देख, इसे सफाई कर्मचारियों ने बेचने का प्लान बनाया, लेकिन प्लान सफल होने के पहले ही पकड़े गए।
कबाड़ में बेचने का था प्लान , ऐसे पकड़े गए
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान विज्ञान संस्थान यानी रायपुर AIIMS के न्यूक्लियर विभाग ने रेडियोधर्मी कचरे ( अपशिष्ट ) को सुरक्षित रूप से खत्म करने करीब 6 लाख रुपए कीमत की डस्टबिन खरीदी थी।
ये डस्टबिन लेड धातु से बनी है। इसका अच्छा खासा वजन है। इसका भारी भरकम वजन देखकर आउट सोर्स सफाई कर्मचारियों ने इसे कबाड़ में बेचने का प्लान बनाया। इन्हें लगा कि इस वजनदार डस्टबिन को कबाड़ में बेचकर अच्छे रुपए मिल जाएंगे।
सबसे पहले सफाई कर्मचारियों ने इस डस्टबिन ( Radioactive Lead Dustbin ) को न्यूक्लियर डिपार्टमेंट से हटाया। डस्टबिन चोरी होने की शिकायत पुलिस में की गई।
आमानाका थाना पुलिस ने सबसे पहले एम्स कैंपस के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। इसमें कर्मचारी डस्टबिन चोरी करते नजर आ गए।
आरोपियों से पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने लेड धातु के डस्टबिन को चोरी की बात कबूल कर ली। आरोपी दिनेश कुमार बंजारे, भूपेंद्र कुमार पटेल और राजकुमार साहू से पुलिस ने इस कीमती डस्टबिन को भी बरामद कर लिया।
लेड धातु की डस्टबिन का ये है उपयोग
रेडियोधर्मी लेड डस्टबिन में कैंसर के इलाज से संबंधित कचरे को डाला जाता है, जिससे कि रेडिएशन का असर बाहर न आए।
यदि यह अपशिष्ट लोगों के सीधे संपर्क में आता है तो इसका स्वास्थ्य में बुरा असर पड़ता है। इसलिए इतनी महंगी डस्टबिन खरीदी गई थी।