/sootr/media/media_files/2025/09/27/amit-shah-bastar-dussehra-visit-2025-the-sootr-2025-09-27-12-02-35.jpg)
Amit Shah Bastar visit: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बहुप्रतीक्षित बस्तर दौरा 4 अक्टूबर को तय है। इसको लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज कर दी गई हैं। शाह इस दौरे पर बस्तर के प्रसिद्ध दशहरा महोत्सव (Bastar Dussehra) के मुरिया दरबार में शामिल होंगे, और जगदलपुर के लालबाग मैदान में आयोजित आमसभा को संबोधित करेंगे।
ये खबर भी पढ़ें... बस्तर दशहरा आज से शुरू... इसमें नहीं होता रावण दहन
नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों से मुलाकात की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह इस दौरान नक्सल प्रभावित इलाकों का भी जायजा ले सकते हैं। वे नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों से मुलाकात करेंगे और सरेंडर किए गए नक्सलियों से भी बातचीत कर सकते हैं। इसके अलावा वे अंदरूनी इलाकों से आए ग्रामीणों से भी संवाद करने की संभावना है। यह दौरा नक्सल उन्मूलन और शांति स्थापना की दिशा में अहम माना जा रहा है।
न्योते पर दी थी हामी
बस्तर सांसद और दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप समेत समिति के अन्य सदस्यों ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें बस्तर दशहरा में शामिल होने का औपचारिक न्योता दिया था। शाह ने आदिवासी संस्कृति और बस्तर की ऐतिहासिक परंपराओं से जुड़े इस पर्व को विशेष मानते हुए उसी समय आमंत्रण स्वीकार कर लिया था। उनकी सहमति के बाद बस्तर प्रशासन ने तैयारियों को तेज कर दिया है और स्थानीय लोगों में भी उनके आगमन को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर दी जानकारी
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा:
"नक्सलवाद से मुक्त और शांति की ओर अग्रसर बस्तर अपने पर्व-त्योहार धूमधाम से मना रहा है। आदिवासी संस्कृति और विरासत का प्रमाण 75 दिनों तक मनाया जाने वाला बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में आने का निमंत्रण मिला है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।"
इस पोस्ट से यह साफ हो गया कि वे न केवल इस भव्य आयोजन में शामिल होंगे, बल्कि बस्तर में चल रहे शांति और विकास कार्यों को लेकर भी संदेश देंगे।
ये खबर भी पढ़ें... ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट की सफलता पर छत्तीसगढ़ के जवानों को अमित शाह ने किया सम्मानित
बस्तर दशहरा का महत्व
बस्तर दशहरा केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आदिवासी संस्कृति और परंपरा का अद्भुत संगम है। यह त्योहार लगभग 75 दिनों तक चलता है, जिसमें विभिन्न अनुष्ठान और पारंपरिक आयोजन होते हैं। इसे बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर और आदिवासी समाज की आस्था का प्रतीक माना जाता है।
अमित शाह का बस्तर दौरा: जानिए मुख्य बातें
|
ये खबर भी पढ़ें... ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट की सफलता पर छत्तीसगढ़ के जवानों को अमित शाह ने किया सम्मानित
राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से अहम दौरा
शाह का यह दौरा न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से, बल्कि राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लंबे समय से चल रही लड़ाई और शांति प्रक्रिया को देखते हुए शाह का बस्तर आगमन सुरक्षा बलों और आमजन के लिए बड़ा संदेश साबित हो सकता है।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us