गरियाबंद जिले में इलाज के दौरान लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो गई। इस घटना से अस्पताल में हड़कंप मच गया है। इसके साथ ही मृतक मरीज के परिजन अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। आरोपों के बाद निजी अस्पताल "सोमेश्वर अस्पताल" की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुरानी लॉज में संचालित इस अस्पताल में इलाज के दौरान बड़ी लापरवाही बरती गई, जिसके कारण 44 वर्षीय नंद कुमार की मौत हो गई।
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न्यूरोलॉजिस्ट की नहीं ली सलाह
परिजनों के अनुसार, नंद कुमार की सड़क दुर्घटना में हेड इंजरी हुई थी, जिसके बाद उन्हें सरकारी अस्पताल के बजाय निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल ने CT स्कैन में हेड इंजरी की पुष्टि होने के बावजूद विशेषज्ञ न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह नहीं ली और उपचार एनेस्थेसिस्ट के द्वारा ही किया गया। इस अस्पताल में न तो ICU है, न ही वेंटिलेटर, फिर भी गंभीर हेड इंजरी के मामले को प्राथमिकता नहीं दी गई।
लापरवाही ने ली मरीज की जान
मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का दावा है कि युवक की मौत निजी अस्पताल में ही हो गई थी और उसे मृत अवस्था में रेफर किया गया। मामले को लेकर परिजनों ने अस्पताल को बंद करने और मुआवजा देने की मांग की है।
इस घटना के बाद कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं, और पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। वहीं, सोमेश्वर अस्पताल के संचालकों का कहना है कि उन्होंने अपने स्तर पर सर्वोत्तम प्रयास किए थे और किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती।
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