दुकानों पर लटके ताले, थमे बस के पहिए... पीडिया एनकाउंटर के विरोध में आज बस्तर बंद

छत्तीसगढ़ में पीडिया में हुए एनकाउंटर के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने आज बस्तर बंद बुलाया है। चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी इस बंद का समर्थन किया है।

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Deeksha Nandini Mehra
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आज बस्तर बंद

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Bastar Bandh in Protest against Pedia Encounter : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सातों जिलों में दुकानों पर ताले और बसों के पहिए थम गए। यात्रा करने वाले और दफ्तर जाने के लिए लोग बस स्टॉप पर बस का इन्तजार करते- करते या तो वापस लौट रहे हैं या फिर किसी से लिफ्ट मांगकर पहुंच रहे हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ में पीडिया में हुए एनकाउंटर के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने आज बस्तर बंद बुलाया है। चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी इस बंद का समर्थन किया है। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं जैसे मेडिकल खुले रहेंगे।

इन जिलों में दिख रहा बंद का असर

बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर और कोंडागांव इन सातों जिलों में बंद का असर दिख रहा है। बंद को सभी जिलों के व्यापारियों का भी समर्थन मिला है। पुलिस का दावा है कि पीडिया गांव में हुए एनकाउंटर में 12 नक्सलियों को ढेर किया गया है, लेकिन सर्व आदिवासी समाज, सीपीआई और कांग्रेस और सामाजिक कार्यकर्ता से लेकर ग्रामीणों ने भी इस मुठभेड़ को फर्जी बताया है।

ये है पूरा मामला  

दरअसल, पीडिया इलाका नक्सलियों का गढ़ है। यहां बीते 10 मई को पुलिस की नक्सलियों के पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के साथ मुठभेड़ हुई थी। पुलिस ने दावा किया है मुठभेड़ में 12 नक्सलियों को मारा गया है। इनके पास से हथियार समेत अन्य नक्सल सामान भी बरामद हुआ। इस पर ग्रामीणों समेत विपक्ष के नेताओं ने इसे फर्जी एनकाउन्टर बताया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने दावा किया कि पुलिस के डर से आदिवासी जान बचाकर भागे, कुछ लोग डर के मारे पेड़ पर चढ़ गए। मगर पुलिस ने पेड़ पर चढ़े उन आदिवासियों को गोली मारी और वो नीचे गिर गए। बीजापुर जिले के पीडिया में हुआ एनकाउंटर फर्जी है। पुलिस ने 10 निर्दोष ग्रामीणों की हत्या की, वहां 2 नक्सली होने की जानकारी मिली है। 

सर्व आदिवासी समाज के सदस्य और CPI नेता पूर्व MLA मनीष कुंजाम ने कहा है कि पुलिस ने निर्दोषों को मारा है। पुलिस की कहानी गजब है। गूंगे-बहरे युवक को नक्सली बताकर पुलिस ने मार डाला है। एनकाउंटर फर्जी है। मनीष कुंजाम ने कहा कि वे पीडिया गांव जाकर आए हैं। एक रात ग्रामीणों के बीच गुजारे हैं।  ग्रामीण तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे। पुलिस ने गोलीबारी की। कुछ लोग घर के अंदर चले गए, कुछ जंगल में ही छिपने लगे थे और उन्हें मार दिया गया। 

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