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अरुण तिवारी@ रायपुर.
बेमेतरा की बारुद फैक्टरी में धमाके के चार दिन बाद भी किसी पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, लेकिन चार दिन बाद इसकी न्यायिक जांच की प्रक्रिया शुरु हो गई है। एसडीएम पिंकी मनहर ने मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी है। 45 दिन में उन्हें जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपनी है। बेमेतरा कलेक्टर रणवीर शर्मा ने हादसे के दूसरे दिन जांच रिपोर्ट आने के बाद ब्लास्ट के दोषियों पर एफआईआर दर्ज होने की बात कही थी। लेकिन अब एफआईआर डेढ़ महीने बाद होगी जब जांच रिपोर्ट आएगी। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। यानी जो सवाल सामने है वो यही है कि आखिर पीड़ितों को इंसाफ कब मिलेगा। 25 मई को बेमेतरा में ब्लास्ट हुआ था जिसमें करीब नौ लोगों की मौत मानी जा रही है।
न्यायिक जांच के मुख्य बिंदु
- इतने बड़े धमाके के मुख्य कारण क्या हैं।
- प्रबंधन के सुरक्षा उपायों का परीक्षण
- विस्फोट स्टोर करने के लाइसेंस की जांच
- कौन है इस धमाके के जिम्मेदार
- जांच अधिकारी अपनी तरफ से जो आवश्यक हो वो बिंदु शामिल कर सकते हैं।
- जांच अधिकारी की अनुशंसा और निष्कर्ष
आठ मजदूर लापता
बेमेतरा की स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड फैक्टरी में हुए धमाके के बाद से 8 मजदूर लापता हैं। हादसे में मानव अंगों के कई टुकड़े पाए गए हैं। जिनकी डीएनए जांच कराई जा रही है। इधर, लापता मजदूरों के परिजन का प्रदर्शन अब भी जारी है। बोरसी, पिरदा, भिभौरी, गबदला और उफरा गांव के आसपास के इलाके में अब भी मातम का माहौल है। उनकी जुबान पर एक ही सवाल है कि उनको इंसाफ कब मिलेगा। घटनास्थल से मिले ग्रामीणों के अवशेषों की शिनाख्त करने के लिए परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं जिससे ग्रामीणों का गुस्सा कम हो सके। सूत्रों की मानें तो फैक्टरी प्रबंधन लोगों से गोपनीय तरीके से सेटेलमेंट की कोशिश भी कर रहा है।