छत्तीसगढ़ में 400 करोड़ का DMF घोटाला, 4 अधिकारियों और 4 ठेकेदारों पर FIR

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में DMF घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुए इस 400 करोड़ के घोटाले में पूर्व सहायक आयुक्त माया वारियर, तत्कालीन सहायक अभियंता, उप अभियंता, डाटा ऑपरेटर और चार ठेकेदारों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

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Krishna Kumar Sikander
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Big action in 400 crore DMF scam in Chhattisgarh the sootr
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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में खनिज न्यास मद (DMF) घोटाले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है। कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुए करीब 400 करोड़ रुपये के इस घोटाले में पूर्व सहायक आयुक्त माया वारियर, तत्कालीन सहायक अभियंता, उप अभियंता, डाटा ऑपरेटर, और चार ठेकेदारों के खिलाफ सिविल लाइन रामपुर थाने में FIR दर्ज की गई है।

माया वारियर पहले से ही इस मामले में जेल में बंद हैं। इस घोटाले में सरकारी छात्रावासों और आश्रमों की मरम्मत के लिए केंद्र सरकार से प्राप्त राशि के बावजूद डीएमएफ फंड का दुरुपयोग, फर्जी भुगतान, और गुणवत्ताहीन कार्यों का खुलासा हुआ है। यह मामला छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं की गंभीरता को उजागर करता है।

DMF घोटाला, कैसे शुरू हुआ खेल?

कोरबा के आदिवासी क्षेत्रों में संचालित आश्रमों और जर्जर सरकारी छात्रावासों की मरम्मत के लिए केंद्र सरकार ने राशि स्वीकृत की थी। यह राशि वर्ष 2021-22 में स्वीकृत की गई थी। उस समय कलेक्टर रानू साहू थी। कलेक्टर साहू ने अपने नजदीकी अधिकारी माया वारियर को आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त के रूप में नियुक्त किया।

इसके बाद डीएमएफ फंड में आर्थिक अनियमितताओं का सिलसिला शुरू हुआ। आरोप है कि रानू साहू के इशारे पर माया वारियर ने ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए कार्य आवंटन और भुगतान की प्रक्रिया में हेरफेर किया।केंद्र सरकार से मरम्मत के लिए पहले ही राशि मिलने के बावजूद, उसी कार्य के लिए डीएमएफ फंड से 80 लाख रुपये की कार्य योजना बनाई गई।

इस राशि का दुरुपयोग कर कई कार्य शुरू ही नहीं किए गए, और जो किए गए, वे गुणवत्ताहीन थे। फिर भी, अधिकारियों ने कमीशन लेकर बिना भौतिक सत्यापन के ठेकेदारों को भुगतान कर दिया।

FIR में शामिल नाम और ठेकेदार

FIR में माया वारियर के साथ-साथ तत्कालीन सहायक अभियंता, उप अभियंता, और डाटा ऑपरेटर के नाम शामिल हैं। इसके अलावा, चार ठेकेदारों सांई ट्रेडर्स, पालीवाल बुक डिपो, श्री सांई कृपा बिल्डर्स (छुरी), और एसएसए कंस्ट्रक्शन (चैतमा) के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इन ठेकेदारों को मरम्मत और निर्माण कार्यों के लिए अनुबंध दिए गए थे। जांच में पाया गया कि चार कार्य तो शुरू ही नहीं हुए, और शेष कार्यों में गुणवत्ता मानकों का पालन नहीं किया गया।

80 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा, जांच में खुलासा

प्रशासनिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि करीब 80 लाख रुपये के कार्य कागजों पर ही पूरे दिखाए गए, जबकि वास्तव में ये कार्य हुए ही नहीं। अनुबंध के अनुसार, ठेकेदारों को एक माह के भीतर कार्य पूरा करना था, लेकिन समयसीमा बीतने के बाद भी कार्य अधूरे रहे।

इसके बावजूद, अधिकारियों ने भौतिक सत्यापन को नजरअंदाज कर ठेकेदारों को भुगतान कर दिया। जांच में यह भी सामने आया कि सरकारी दस्तावेजों को गायब करने की कोशिश की गई ताकि अनियमितताओं को छिपाया जा सके।

कलेक्टर के निर्देश पर FIR

कोरबा के कलेक्टर संजीव झा के निर्देश पर सिविल लाइन रामपुर थाने में आर्थिक अनियमितता और सरकारी दस्तावेज गायब करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। कलेक्टर ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सभी दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आदेश दिया है। सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले की गहराई से जांच के लिए एक विशेष समिति भी गठित की जा सकती है।

DMF फंड का महत्व और दुरुपयोग

खनिज न्यास मद (DMF) खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए बनाया गया एक विशेष कोष है, जिसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, और आदिवासी कल्याण जैसे क्षेत्रों में किया जाता है। कोरबा जैसे खनन-प्रधान जिले में यह फंड स्थानीय समुदायों, विशेषकर आदिवासियों, के लिए जीवन रेखा की तरह है।

लेकिन इस फंड का दुरुपयोग न केवल विकास कार्यों को प्रभावित करता है, बल्कि आदिवासी समुदायों के अधिकारों पर भी चोट पहुंचाता है। इस घोटाले ने DMF की विश्वसनीयता और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

सियासी तनाव और विपक्ष का रुख

400 करोड़ रुपये के इस DMF घोटाले ने छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मचा दी है। कांग्रेस शासनकाल में हुए इस घोटाले को लेकर बीजेपी अब कांग्रेस पर हमला कर रही है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि यह घोटाला कांग्रेस की नाकामी को दर्शाता है और उनकी सरकार इसकी गहन जांच कर रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी इस मामले को सियासी रंग देकर बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

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