बीजापुर। 11 पोटाकेबिन में हुए 42 लाख 78 हजार 475 रुपए की सरकारी रकम के फर्जी भुगतान के मामले में कलेक्टर ने कड़ा एक्शन लेते हुए 2 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने के साथ ही जिला परियोजना अधिकारी पुषोत्तम चंद्राकर को निलंबित कर दिया है।
बिना बिल देखे कराया भुगतान
बताया जा रहा है कि इनके जरिए ही फर्मो को भुगतान किया गया। पुरुषोत्तम पर आरोप है कि उन्होंने बिना बिल देखे भुगतान करवा दिया। तीन फर्मो के बीच 42 लाख से ज्यादा की रकम सीधे खाते से ट्रांसफर कर दी गई। इस दौरान यह भी नहीं देखा गया कि फर्म ने किस तरह की सप्लाई की है। बिना काम और बिल देखे भुगतान किया गया।
एक कर्मचारी निलंबित
बिना बिल के 42 लाख रुपयों फर्म को भुगतान करने के मामले में प्रारंभिक जांच में चार लोगों की संलिप्तता सामने आई थी। इसमें दो लोगों पर पहले से ही केस दर्ज है। एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है, जबकी दो दो नोटिस जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक इन दोनों कर्मचारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि चारों लोगों ने नेक्सस बनाकर पेमेंट को अंजाम दिया।
जांच के दायरे में ये कर्मचारी
जांच में पाया गया कि सामग्र शिक्षा के 11 पोटाकेबिन पर प्रशासन के अधिकारियों की ओर से जांच की गई थी। जिसमें इन 11 पोटाकेबिन में भोपालपट्टनम अनुभाग के 5 पोटाकेबिन और बीजापुर अनुभाग के 6 पोटाकेबिन में 42 लाख 78 हजार 475 रुपए की रकम फर्जी तरीके से तीन फर्मो को ट्रांसफर की गई।
इस मामले में खड़े हुए सवाल
इन अफसरों ने आखिर बिल क्यों नहीं देखा ?
इन अधिकारियों पर आखिर क्या दबाव था ?
क्या इनपर कोई राजनीतिक दबाव था ?
अफसरों की किसी नेता या अफसर से सांठगांठ तो नहीं
पोटाकेबिन के अधीक्षकों पर क्या कार्रवाई होगी ?
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