पति-पत्नी की लड़ाई के बीच फंसे सिटी मजिस्ट्रेट , हाईकोर्ट ने इसलिए लगाया जुर्माना

हाईकोर्ट ने सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को अवैध करार दिया और याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार का हनन बताया है। बालको के कर्मचारी के घरेलू विवाद का केस सिटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में गया था।

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Marut raj
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Bilaspur High Court Chhattisgarh City Magistrate Fine the sootr
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रायपुर. छत्तीसगढ़ में सिटी मजिस्ट्रेट पर हाईकोर्ट की ओर से जुर्माना लगाए जाने का मामला सामने आया है। कोर्ट ने यह जुर्माना स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने के मामले में कोरबा के सिटी मजिस्ट्रेट गौतम सिंह पर लगाया है। 

पति-पत्नी के बीच विवाद का मामला

जानकारी के अनुसार बालको में काम करने वाले लक्ष्मण साकेत सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के एमपी नगर में ईडब्ल्यूएस फेस-2 में रहते हैं। उनका पत्नी के साथ घरेलू विवाद चल रहा है। पत्नी ने उनके खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसके आधार पर पुलिस ने महिला के पति पर सीआरपीसी की धारा 107, 16 के तहत कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया और सिटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश किया।

जब अधिवक्ता ने अपने साकेत की रिहाई को लेकर बेल बाॅन्ड की राशि पेश की तो शाम पांच बजे सिटी मजिस्ट्रेट ने साल्वेंट श्योरिटी का शर्त लगी दी। शाम हो जाने के कारण साकेत के अधिवक्ता साल्वेंट श्योरिटी पेश नहीं कर सके थे। इसे आधार बनाकर सिटी मजिस्ट्रेट ने हिरासत में लिए गए लक्ष्मण को जेल भेज दिया।

इस आधार पर लगाया जुर्माना

सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को पीड़ित व्यक्ति ने बिलासपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया गया था कि सिटी मजिस्ट्रेट को साल्वेंट श्योरिटी मांगने का अधिकार नहीं है। इस याचिका पर बिलासपुर उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं न्यायाधीश बीडी गुरु की पीठ में सुनवाई हुई।

हाईकोर्ट ने सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को अवैध करार दिया और याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार का हनन बताया। मामले में कोर्ट ने कोरबा पुलिस, अपर कलेक्टर पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसका भुगतान 30 दिन के भीतर करना होगा।

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