कांग्रेस ने संघ पर बड़ा आरोप लगाया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संघ के दवाब में बीजेपी सरकार ने आदिवासियों का अपमान किया। बैज ने कहा कि बीजेपी ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रमों का बहिष्कार किया। रायपुर में दो कार्यक्रम थे और दोनों ही कार्यक्रमों की घोषणा के बाद सरकार के प्रतिनिधि वहां नहीं गए।
रायपुर में दो कार्यक्रम
एक कार्यक्रम रायपुर के इंडोर स्टेडियम में था जिसमें आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को शामिल होना था लेकिन वे शामिल नहीं हुए। दूसरा कार्यक्रम महंत घासीदास संग्रहालय की कला वीथिका में आदिवासियों पर आयोजित एक प्रदर्शनी थी, जिसका उद्घाटन सरकार के वरिष्ठ आदिवासी मंत्री रामविचार नेताम को करना था। यह प्रदर्शनी ‘अपरिहार्य कारणों से’ स्थगित कर दिया गया।
अब सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ
- बैज ने कहा कि ऐसा हुआ अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के कहने पर।
- यह संस्था घोषित रूप से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस का एक आनुषांगिक संगठन है। आरएसएस ही इसे संचालित करता है।
- वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने एक सार्वजनिक बयान जारी किया. इस बयान को बाक़ायदा उनके फ़ेसबुक पेज पर भी लगाया गया है।
- इस बयान में उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस की भारत में कोई प्रासंगिकता नहीं है।
- उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस कोई अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र है।
- इसका मतलब है कि उन्होंने आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को मानने से इनकार कर दिया है।
- वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से जारी इस बयान को आरएसएस की ओर से दबाव की तरह देखना चाहिए।
- इस दबाव का बीजेपी की सरकार पर बहुत बड़ा असर हुआ।
बीजेपी सरकार नागपुर से चलती है : कांग्रेस
- छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हर साल विश्व आदिवासी दिन विज्ञापन जारी किए जाते थे। मुख्यमंत्री की ओर से आदिवासी समाज को अग्रिम शुभकामनाएं दी जाती थीं।
- न तो सरकार ने कोई विज्ञापन जारी किया और न मीडिया को मुख्यमंत्री की ओर से कोई शुभकामना जारी की गई।
- जैसा कि हमने बताया विश्व आदिवासी दिवस के दिन जो दो कार्यक्रम थे उसे रद्द कर दिया गया।
- बस मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक ट्वीट करके विश्व आदिवासी दिवस मना लिया।
- ज़ाहिर है कि आरएसएस के दबाव में सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस का इस तरह से बहिष्कार किया।
बैज ने कहा कि इस दबाव से दो बातें ज़ाहिर हुई हैं। एक तो यह कि बीजेपी की सरकार दरअसल आरएसएस के इशारे पर चल रही कठपुतली सरकार है। यानी यह सरकार रायपुर से नहीं, नागपुर से चलती है।
दूसरा यह साबित हुआ कि आरएसएस आदिवासियों की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान नहीं करती. वह आदिवासियों को अलग अलग मुद्दों पर बरगलाती है और बीजेपी को वोट दिलवाने का षडयंत्र करती है।
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