संगठन नहीं बृजमोहन तय करेंगे अपना उत्तराधिकारी, महज औपचारिकता बनी दावेदारी

चुनाव आयोग ने भले ही उपचुनाव का ऐलान न किया हो लेकिन छत्तीसगढ़ में चुनावी चौसर बिछ गई है। इस समय रायपुर की सीट पर कौन उम्मीदवार होगा इसका फैसला संगठन नहीं बल्कि बृजमोहन के हाथ में है।

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Arun tiwari
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Brijmohan decide successor not BJP the sootr
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रायपुर के सांसद और रायपुर दक्षिण से लगातार 16 साल विधायक रहे बीजेपी के सबसे सीनियर नेता बृजमोहन अग्रवाल ही तय करेंगे कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। चुनाव आयोग ने भले ही उपचुनाव का ऐलान न किया हो लेकिन छत्तीसगढ़ में चुनावी चौसर बिछ गई है। इस समय रायपुर की सीट पर कौन उम्मीदवार होगा इसका फैसला संगठन नहीं बल्कि बृजमोहन के हाथ में है।

जो नेता दावेदारी कर रहे हैं वे संगठन की बजाय बृजमोहन की परिक्रमा पर ज्यादा भरोसा कर रहे है। और आखिर हो भी क्यों न, बृजमोहन ने रायपुर को बीजेपी का अभेद किला जो बना रखा है। इस किले का किलेदार बनाना भी उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी भी है। यही कारण है कि संगठन का इंटरनल सर्वे महज रस्म अदायगी बन गया है। क्योंकि इस सीट के लिए बृजमोहन का कद संगठन से कहीं बड़ा हो गया है।

ये हैं बीजेपी के दावेदार


रायपुर दक्षिण सीट पर चार नेताओं की सबसे ज्यादा दावेदारी है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश ने इन नेताओं के नाम दिल्ली भी भेज दिए हैं। संगठन ने अपनी औपचारिकता पूरी कर ली है अब बारी बृजमोहन की मुहर की है। जो नेता यहां पर दावेदारी कर रहे हैँ उनमें सबसे आगे पूर्व सांसद सुनील सोनी हैं। सुनील सोनी रायपुर के सांसद और महापौर भी रह चुके हैं। उनकी जगह ही बृजमेाहन को यहां से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया था।

सोनी की दावेदारी के मजबूत होने की सबसे बड़ी वजह यही है कि वे बृजमोहन के करीबी नेताओं में शुमार हैं। इनके अलावा सीनियर पार्षद सुभाष तिवारी का भी नाम है। वे भी बृजमोहन की टीम के सदस्य हैं। इनके अलावा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव भी दावेदारी कर रहे हैं। वहीं केदार गुप्ता भी बृजमोहन की गुडबुक्स में होने के कारण अहम दावेदार माने जा रहे हैं। 


बृजमोहन वरिष्ठ नेता, फैसला सामूहिक : बीजेपी


रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट का जिम्मा मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और वरिष्ठ नेता शिवरतन शर्मा को सौंपा गया है। जायसवाल कहते हैँ कि बृजमोहन अग्रवाल पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उनकी राय और सुझाव बहुत मायने रखता है। वे लगातार इस सीट से विधायक रहे हैं। लेकिन बीजेपी में सामूहिक नेतृत्व की परंपरा है इसलिए फैसला सबके राय मशवरे और सहमति से होगा। 


कांग्रेस में भी दावेदारों की फौज


साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल से हारे कन्हैया अग्रवाल फिर से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उनको लगता है कि वे दोबारा मौका पाने में कामयाब हो सकते हैं। रायपुर के मेयर रहे प्रमोद दुबे भी दावेदारों की लिस्ट में हैं। वे अभी निगम में सभापति हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव में लड़ने का मौका मिला था लेकिन चुनाव हार गए।

महापौर एजाज ढेबर भी यहां से पिछले दो बार से टिकट मांग रहे हैं। इनके अलावा सन्नी अग्रवाल, आकाश शर्मा और सतनाम पनाग भी यहां से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पार्टी अपना इंटरनल सर्वे कर रही है। बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से राय मशवरा चल रहा है। वरिष्ठ नेताओं से चर्चा होगी। बीजेपी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल को बीजेपी ने दरकिनार कर दिया है।

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