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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक ट्रेडिंग घोटाले का मामला सामने आया है। बाजार में अधिक मुनाफे की चाहत एक व्यवसायी को भारी पड़ गई। अज्ञात व्हाट्सएप नंबर से भेजे गए एक लिंक पर भरोसा कर दुर्ग निवासी एक शेयर ट्रेडिंग कारोबारी को ₹41,52,500 की ऑनलाइन ठगी का शिकार होना पड़ा। पीड़ित की शिकायत पर पद्मनाभपुर थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है।
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ये है मामला
पीड़ित मयंकपुरी गोस्वामी (उम्र 34 वर्ष), निवासी विद्युत नगर, दुर्ग, का ट्रेडिंग खाता प्रतिष्ठित ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म "जीरोधा" में है और वह नियमित रूप से शेयर बाजार में लेन-देन करते हैं।
कुछ दिन पहले मयंक के व्हाट्सएप पर ‘रिया गुप्ता’ नामक महिला के प्रोफाइल से एक मैसेज आया। मैसेज में एक विदेशी ट्रेडिंग वेबसाइट से जुड़ने और अच्छा मुनाफा कमाने का दावा किया गया था। साथ ही एक लिंक भेजा गया, जिससे मयंक ने वेबसाइट पर पंजीकरण कर लिया।
पहले मुनाफा, फिर जाल
शुरुआती निवेश पर वेबसाइट ने उन्हें मुनाफा दिखाया, जिससे उनका भरोसा और बढ़ गया। इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे ₹41,52,500 का निवेश कर दिया। जब मयंक ने वेबसाइट से $47,000 (लगभग ₹40 लाख) निकालने के लिए रिक्वेस्ट की, तो उन्हें बताया गया कि उनका खाता होल्ड पर है और निकासी के लिए 100% वेरिफिकेशन फीस जमा करनी होगी। इसके बाद मयंक को अहसास हुआ कि यह एक सुनियोजित ठगी थी।
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ठग का नंबर भी हुआ बंद
ठग द्वारा इस्तेमाल किया गया व्हाट्सएप नंबर भी बाद में बंद हो गया। ठगी के बाद मयंकपुरी ने पद्मनाभपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धोखाधड़ी संबंधित धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया है।
साइबर सेल की मदद से जांच जारी
पुलिस ने बताया कि मामले की साइबर सेल की सहायता से गहराई से जांच की जा रही है। जांच के दायरे में व्हाट्सएप नंबर, वेबसाइट की डोमेन डिटेल्स और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस को लिया गया है।
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पुलिस की अपील: सतर्क रहें
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि कोई भी अज्ञात लिंक, कॉल या मैसेज के माध्यम से मिले निवेश संबंधी प्रस्तावों पर आंख मूंदकर विश्वास न करें। ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल या ऐप की प्रमाणिकता की जांच अवश्य करें। किसी भी प्लेटफॉर्म पर निवेश करने से पहले SEBI और RBI से मान्यता प्राप्त लाइसेंस या पंजीकरण की पुष्टि करें।
सावधानी ही सुरक्षा
यह घटना ऑनलाइन ठगी के नए ट्रेंड की एक और मिसाल है, जिसमें साइबर अपराधी शेयर बाजार और क्रिप्टो ट्रेडिंग की लालच का फायदा उठाकर आम निवेशकों को निशाना बना रहे हैं। मयंक की कहानी एक चेतावनी है कि डिजिटल युग में सतर्कता और विवेकशीलता ही सबसे बड़ा बचाव है।
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