छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) घोटाला एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है। घोटाले में सीबीआई ने छापेमार कार्रवाई की है। घोटाले की कार्रवाई में सीबीआई की टीम ने 18 चयनित अभ्यर्थियों के ठिकाने पर छापा मारा है। वहीं कुछ अभ्यर्थियों के ठिकानों पर 2 दिन तक छापेमार कार्रवाई कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की टीम ने 12 अक्टूबर को छापेमार कार्रवाई की।
बैंक खाते की भी हो रही जांच
घोटाले में फॉरेंसिक जांच के बाद अब सीबीआई की टीम अभ्यार्थियों के ठिकाने पर कार्रवाई के लिए पहुंची है। अभ्यर्थियों के घर मिले 300 से ज्यादा किताबों और नोटबुक को पढ़ा गया। मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप की जांच की गई। कुछ अभ्यर्थियों के घरों से हार्ड डिक्स और पैन ड्राइव जब्त की गई। अभ्यर्थियों और परिजन के बैंक खाते की जांच की जा रही है।
पीएससी सचिव जीवन किशोर के बेटे सुमित ध्रुव, पिछली सरकार में राज्यपाल के सचिव रहे अमृत खलखो की बेटी नेहा और बेटा निखिल, डीआइजी ध्रुव की बेटी साक्षी, कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, कांग्रेस नेता के दामाद शशांक गोयल, मंत्री के ओएसडी के साढ़ू की बेटी खुशबू बिजौरा से भी पूछताछ की है।
इन अभ्यार्थियों के घर हो रही तलाशी
सीबीआई संदिग्ध अभ्यर्थियों और पीएससी के अधिकारियों का पिछले 5 साल का कॉल डिटेल और लोकेशन निकाल रही है। सीबीआई की टीम प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस भी गई थी। वहां के मालिक और कर्मचारियों का बयान भी दर्ज किया गया है। सीबीआई की टीम ने पहले पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के घर की जांच की। उसके बाद टामन के भतीजे नीतेश, बड़े भाई के बेटे साहिल, बहू निशा कोसले, भाई की बहू दीपा अजगले, बहन की बेटी सुनीता जोशी के घरों की तलाशी ली।
ये है पूरा विवाद
सीबीआई 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। पीएससी ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन पदों पर हुए भर्ती को लेकर विवाद है। चयनित अभ्यार्थियों को लेकर आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।
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