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Bijapur naxal surrender: छत्तीसगढ़ में बस्तर के नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों और प्रदेश सरकार को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार को बीजापुर में 30 नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 20 इनामी नक्सली भी शामिल हैं, जिन पर कुल 81 लाख रूपए का इनाम घोषित था।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस सरेंडर को सरकार की नई पुनर्वास नीति, नियद नेल्ला नार योजना और सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सरकार ने बस्तर के लोगों का विश्वास जीता है, जिसके चलते बड़ी संख्या में नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली और इनाम
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से 20 वांछित नक्सली थे। इनमें डीवीसीएम सोनू हेमला उर्फ कोरोटी (8 लाख इनामी) भी शामिल है, जिसने अपनी पत्नी के साथ हथियार डाला।
इसके अलावा, सरेंडर करने वालों में—
- कंपनी नंबर-02 के 5 सदस्य
- ACM-02
- एरिया कमेटी पार्टी सदस्य-05
- PLGA सदस्य-01
- CNM सदस्य-02
- जनताना सरकार उपाध्यक्ष-01
- जनताना सरकार सदस्य-05
- मिलिशिया प्लाटून सदस्य-02
- DAKMS सदस्य-02
सभी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास सहायता के रूप में 50-50 हजार रूपए का चेक दिया गया।
आत्मसमर्पण कार्यक्रम में अधिकारी रहे मौजूद
इस मौके पर दंतेवाड़ा रेंज के उप पुलिस महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, आईजी बी.एस. नेगी, बीजापुर एसपी डॉ. जितेन्द्र यादव, कोबरा, केरिपु और DRG अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस ने कहा कि यह आत्मसमर्पण बीजापुर जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान की बड़ी सफलता है।
2024 से अब तक की कार्रवाई
- 834 नक्सली गिरफ्तार
- 496 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया
- 190 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए
सिर्फ 1 जनवरी 2025 से अब तक ही 331 नक्सली गिरफ्तार हुए, 307 ने आत्मसमर्पण किया और 132 नक्सली मुठभेड़ों में ढेर किए गए हैं।
बीजापुर नक्सल सरेंडर की मुख्य बातें
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विकास से नक्सली संगठनों की कमज़ोरी
अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा कैम्प, सड़क, बिजली, पानी और शासन की योजनाओं के विस्तार से अब ग्रामीण विकास और शांति की राह चुन रहे हैं। यही कारण है कि नक्सल संगठन कमजोर हो रहे हैं और बड़ी संख्या में उनके सदस्य आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
यह आत्मसमर्पण न सिर्फ सुरक्षा बलों के लिए एक रणनीतिक जीत है बल्कि बस्तर में शांति और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम भी माना जा रहा है।
bijapur naxalite news|इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर
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