सीजी बोर्ड ने मेरिट लिस्ट में टॉपर्स के मार्क्स, फोटो, स्कूल के नाम के अलावा उनके मोबाइल नंबर भी डाल दिए हैं। जानकारी के मुताबिक इस साल 10वीं और 12वीं की मेरिट में कुल 79 छात्र हैं, इनमें 59 बेटियां भी हैं। परिचितों के बधाई संदेशों के अलावा इन होनहार बेटियों को अनजान नंबरों से फोन और ढेरों मैसेज भी आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक स्टूडेंट ने अपनी परेशानी साझा करते हुए अपने कॉल डिटेल्स और मैसेज शेयर किए।
उनके मोबाइल पर देर रात 2.30 बजे तक कॉल्स और 4 बजे तक अनजान नंबरों से अश्लील मैसेज भेजे गए थे। यह एक नहीं, कई दिनों से हो रहा है। अश्लील फोन-मैसेज के अलावा उन्हें कुछ कोचिंग सेंटर्स, इंस्टीट्यूट से एडमिशन लेने के लिए भी संपर्क किया गया है। यह तनाव इस कदर बढ़ गया है कि छात्राओं ने फोन रिसीव करना और मैसेज देखना ही बंद कर दिया है।
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नंबर अनजान को न दें
12वीं की एक टॉपर ने कहा कि ट्राई से लेकर ढेरों प्लेटफॉर्म आजकल साइबर फ्रॉड ( cyber fraud ) से बचने के लिए सजग कर रहे हैं। वहीं सीजी बोर्ड ( CG board ) और एनआईसी ने खुद हमारे नंबर बांट दिए हैं। यह क्यों किया गया, यह समझ से परे हैं। अब तो फोन की घंटी से भी डर लगने लगा है। मैसेज तो देखना ही बंद कर दिया है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल को संवेदनशील होना चाहिए
24 अगस्त, 2017 को सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच ने जस्टिस केएस पुट्टास्वामी बनाम भारत संघ और अन्य जुड़े मामलों में सर्वसम्मति से फैसला सुनाया, जिसमें पुष्टि की गई कि भारत का संविधान प्रत्येक व्यक्ति को निजता के मौलिक अधिकार की गारंटी देता है। यह मामला मौलिक अधिकारों के तहत अनुच्छेद 14, 19, 21 का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे मामलों में सरकारी संस्थानों का उत्तरदायित्व और बढ़ जाता है। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वह अधिक संवेदनशीलता के साथ अधिकारों का संरक्षण करेंगे। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा मंडल हो या अन्य संस्था उन्हें अधिक सजग, सतर्क व संवेदनशील होना चाहिए।
कब तक बंद रहेंगे फोन
12वीं की एक टॉपर की मां ने रुआंसी आवाज में कहा कि हमने कई दिन तक तो फोन स्विच ऑफ रखा लेकिन आखिर कब तक और हम किस दोष की सजा भुगतें। मैंने एक-दो बार तो कुछ लोगों को समझाने की कोशिश भी की लेकिन, आप कितने लोगों को समझा सकते हैं। कितने नंबर ब्लॉक करेंगे।
हर जगह आईएएस बैठे हैं
हाईस्कूल की टॉप 5 मेरिट में शामिल एक छात्रा के पिता ने कहा कि बोर्ड से लेकर एनआईसी तक में आईएएस जिम्मेदारी संभाल रहे। किसी को समझ नहीं आया कि किसी की निजी जानकारी सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा। वह खुद सरकारी वेबसाइट्स पर अपना लैंडलाइन नंबर शेयर करते हैं।
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