छत्तीसगढ़ सरकार ने शहीद जवानों के परिजन के हित में अनुकंपा नियुक्ति 2025 में संशोधन किया है। नक्सल हिंसा में शहीद जवानों के परिजनों को काफी राहत मिलेगी। इस अनुकंपा नियुक्ति नियम में बदलाव से अब शहीदों के परिजन अपने मनपसंद के विभाग में नौकरी पा सकेंगे।
इस बदलाव से डीआरजी जवान अनुकंपा नियुक्ति छत्तीसगढ़ नीति का लाभ शहीदों के परिजनों को सबसे ज्यादा मिलेगा, क्योंकि जिला स्तर पर सबसे ज्यादा नक्सली मुठभेड़ में यही जवान सबसे आगे तैनात रहते हैं।
साय कैबिनेट की बैठक में लिया फैसला
सीएम विष्णुदेव साय कैबिनेट के फैसलों में यह फैसला अहम माना जा रहा है। नक्सली हिंसा में शहीद हुए पुलिस जवानों के परिजनों के हित में संवेदनशील निर्णय साय कैबिनेट ने लिया है।
नक्सल हिंसा में शहीद जवानों के परिजन राज्य सरकार के किसी भी विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के पात्र रहेंगे। पहले अनुकंपा नियुक्ति केवल पुलिस विभाग में ही दी जाती थी, अब नियम में बदलाव कर बड़ा फैसला लिया गया है।
ये खबर भी पढ़ें:
प्रयागराज से धर्मांतरण के लिए नाबालिग लड़की का अपहरण, केरल में आतंकी साजिश का खुलासा
अनुकंपा नियुक्ति में विभागीय बाध्यता खत्म
पहले अनुकम्पा नियुक्ति केवल उसी विभाग में दी जा रही थी। जिस विभाग में दिवंगत अधिकारी, कर्मचारी काम करता था।
अब अनुकंपा नियुक्ति नीति में संशोधन कर इस बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। इससे शहीदों के परिजन अपनी पसंद की नौकरी प्रदेश के किसी भी विभाग में कर सकेंगे, इसका विकल्प छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा दिया जाएगा।
ये खबर भी पढ़ें:
भोपाल में दोस्ती के नाम पर धोखा, जेंडर चेंज करवा कर आरोपी फरार
हमारी रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर किए...
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने अनुकंपा संशोधन नीति को लेकर कहा कि यह निर्णय शहीदों के बलिदान को सम्मान देने वाला है। यह शहीदों के परिजनों के लिए सरकार की संवेदनशीलता का प्रमाण है।
उन्होंने कहा शहीदों ने प्रदेश और देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। इन जवानों के आश्रितों को सिर्फ एक ही विभाग में नियुक्ति देकर सीमित रखना न्यायसंगत नहीं था। अब वे किसी भी विभाग में अनुकंपा नियुक्ति पा सकेंगे।
ये खबर भी पढ़ें:
जीतू पटवारी पर FIR का विरोध, एसपी ऑफिस से कांग्रेसी गिरफ्तार, पुलिस पर पक्षपात का आरोप
लंबे समय से मांग कर रहे थे शहीदों के परिजन
विजय शर्मा ने बताया कि शहीद परिवारों की यह मांग लगातार सामने आ रही थी कि उन्हें पुलिस विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों में भी नियुक्ति का विकल्प मिले। इसे गंभीरता से लेते हुए साय कैबिनेट का फैसला, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
ये खबर भी पढ़ें:
राजस्थान के कई जिलों में बाढ़ का अलर्ट, अगले तीन दिन भारी बारिश की चेतावनी
सम्मानजनक जीवन की दिशा में कदम
यह संशोधन शहीद परिवारों के लिए न केवल रोजगार का नया अवसर प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा। इससे उन्हें अपनी योग्यता और सुविधा के अनुसार विभाग चुनने की स्वतंत्रता मिलेगी।
कैबिनेट की बैठक में हुआ था निर्णय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह निर्णय राज्य शासन की उस नीति को दर्शाता है, जिसमें शहीदों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और उत्तरदायित्व को प्राथमिकता दी जाती है।
सीजी न्यूज
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧