छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से इस वक्त बड़ी खबर सामने आई है। जिले के धरमजयगढ़ इलाके में हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया है। देर रात दस हाथी का दल गांव में घुस गया। इस दौरान हाथियों ने ग्रामीणों के सात घर को तोड़ दिए और सब कुछ तहस-नहस कर दिया। ग्रामीण हाथियों को भगाने का प्रयास करते रहे लेकिन, हाथियों की सांख्य अधिक थी जिससे लोगों में डर का माहौल था। इस हादसे से इलाके में हड़कंप मच गया।
गोतमी दल के हाथियों ने मचाया उत्पात
दरअसल, हाथी गोतमी दल के थे। बताया जा रहा है कि गोतमी दल जब गांव पहुंचा तो इसकी आने की जानकारी ग्रामीणों को लग गई। इसके बाद सभी घरों से बाहर आ गए, लेकिन घर में रखे धान को खाने के लिए हाथियों ने एक-एक करके सात घरों को तोड़ दिया। हाथियों का झुंड कई घंटों तक गांव में ही रहा। इस दौरान वनकर्मी भी गांव में मौजूद थे। हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है।
धान खाने के चक्कर में हाथियों ने खेतों की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद हाथी वापस जंगल की ओर चले गए। सुबह वन विभाग ने नुकसान का आकलन किया, ताकि पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया जा सके। वनकर्मियों के मुताबिक, गोतमी दल में एक नर और पांच मादा हाथी है। इनके साथ चार शावक हैं। धरमजयगढ़ वन मंडल में 47 हाथी विचरण कर रहे हैं और छाल में एक दल में 11 हाथी हैं। बाकी रेंज में एक से दो हाथी हैं।
पहले ही दे दी जाती है हाथियों के आने की सूचना
दरअसल, कापू रेंज के कई गांव जंगल के पास हैं। ऐसे में रात होने पर हाथी बस्ती तक पहुंच जाते हैं और धान की खुशबू पाकर उसे खाने के लिए घरों को तोड़ते हैं। कुमरता परिसर रक्षक गजानंद साय पैंकरा ने बताया कि हाथियों के आने की जानकारी ग्रामीणों को दे दी जाती है।
कुछ गांव तो ऐसे हैं जहां वाहन से जाना मुश्किल है, लेकिन पैदल जाकर गांव में मुनादी कराई जाती है, ताकि कोई जनहानि न हो। धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि गोतमी दल आक्रमक नहीं है। धान खाने के लिए घर और खेतों में नुकसान करते हैं। हालांकि, वनकर्मी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
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