CG Liquor Scam : अनवर ढेबर-त्रिपाठी की बढ़ी रिमांड, EOW को मिले खास इनपुट

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में बड़ी खबर सामने आई है। घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी की रिमांड बढ़ गई है। कोर्ट ने मामले में नकली होलोग्राम केस में रिमांड बढ़ाई है।

Advertisment
author-image
Kanak Durga Jha
एडिट
New Update
CG Liquor Scam  Anwar Dhebar-Tripathi's remand extended
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में बड़ी खबर सामने आई है। घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी की रिमांड बढ़ गई है। कोर्ट ने मामले में नकली होलोग्राम केस में रिमांड बढ़ाई है। बताया जा रहा है कि EOW (Economic offences wing) को मिले इनपुट के संबंध में अधिकारी घोटालेबाजों से पूछताछ करेंगे। 

जेल में रहेंगे घोटालेबाज

अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को 11 सितंबर तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। ईडी ने बुधवार को रायपुर की विशेष अदालत में सुनवाई के बाद कोर्ट में दोनों को जेल भेज दिया है। विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी की अदालत में मनीष को पेश किया गया था। EOW के वकील ने कोर्ट को बताया कि कोल स्कैम के संबंध में ब्यूरो को इनपुट मिले हैं। जिसके संबंध में मनीष से पूछताछ करने की जरूरत है।

नकली होलोग्राम केस में बढ़ी रिमांड

इसके साथ ही नकली होलोग्राम केस में जेल में बंद आरोपी दिलीप पांडे, दीपक दुआरी, अमित सिंह और अनुराग द्विवेदी को भी कोर्ट में पेश किया गया। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को 11 सितंबर तक फिर से न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का पूरा मामला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का खुलासा ईडी ने किया। ईडी ने दावा किया कि शराब घोटाले में भ्रष्टाचार कई तरीकों से किया गया था। इस घोटाले को ईडी ने पार्ट के रूप में विभाजित किया।

करोड़ों के इस घोटाले पर ईडी और ईओडब्ल्यू कई महीनों से जांच कर रही है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा है। इसके साथ ही इस घोटाले में कई बड़े अफसरों और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का नाम सामने आया है। 

ईडी ने घोटाले को पार्ट में किया विभाजित

करोड़ों के इस घोटाले को ईडी ने A,B,C भाग में विभाजित किया है। पार्ट-ए कमीशन में, सीएसएमसीएल (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) द्वारा उनसे खरीदी गई शराब के प्रत्येक केस के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई थी। पार्ट-बी (कच्ची शराब की बिक्री) में बिना हिसाब-किताब वाली कच्ची देशी शराब की बिक्री।

इस मामले में, राज्य के खजाने में एक भी रुपया नहीं पहुंचा और बिक्री की सारी आय सिंडिकेट ने अपने पास रख ली। अवैध शराब सरकारी दुकानों से ही बेची जाती थी। पार्ट-सी कमीशन में, डिस्टिलर्स से रिश्वत ली जाती है ताकि वे कार्टेल बना सकें और एक निश्चित बाजार हिस्सेदारी रख सकें।

The Sootr Links

छत्तीसगढ़ की खबरों के लिए यहां यहां क्लिक करें

मध्य प्रदेश की खबरों के लिए यहां यहां क्लिक करें

देश दुनिया की खबरों के लिए यहां यहां क्लिक करें

रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए यहां यहां क्लिक करें

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला Action in Indore liquor scam liquor scam alleged liquor scam Anbar Dhebar on ED's remand in liquor scam छत्तीसगढ़ शराब घोटाला छत्तीसगढ़ शराब घोटाला नकली होलोग्राम केस 2000 cr Liquor Scam CG liquor scam CG liquor scam case