छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टा पर सियासी घमासान, भूपेश ने साधा निशाना, भाजपा ने किया पलटवार

छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टा को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं। भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और भाजपा पर सवाल उठाए, तो भाजपा ने बघेल सरकार के कार्यकाल में सट्टे को संरक्षण देने का आरोप लगाया। मामला अब सियासी जंग में बदल गया है।

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Harrison Masih
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CG online betting controversy: छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टा और गेमिंग के मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा ऑनलाइन बैटिंग और गेमिंग पर सख्ती दिखाए जाने का स्वागत किया है लेकिन पिछले दिनों के ऑनलाइन सट्टे के कारोबार को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पोस्ट के बाद दोनों पार्टियां आमने-सामने आ गई हैं।

भूपेश बघेल का बीजेपी पर हमला

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने दिसंबर 2022 में ही विधानसभा में जुआ एक्ट में संशोधन कर ऑनलाइन सट्टा पर रोक लगाने का कदम उठाया था। इसके बाद दिसंबर 2023 में उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर देशभर में इस पर रोक की मांग की थी।

उन्होंने सवाल उठाया कि—

  • क्या अब तक ऑनलाइन बैटिंग केंद्र की मर्जी से चल रही थी?
  • क्या सरकार युवाओं को सट्टेबाजी की ओर धकेल रही थी?
  • क्या भाजपा ने गेमिंग कंपनियों से इलेक्टोरल बॉण्ड के जरिए चंदा लिया?
  • क्या इन्हीं कंपनियों को भारतीय क्रिकेट टीम का प्रायोजक बनाया गया, जिसमें गृह मंत्री के बेटे की भूमिका थी?

बघेल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार का मकसद ऑनलाइन बैटिंग को रोकना नहीं बल्कि कंपनियों को ब्लैकमेल कर राजनीतिक फायदा उठाना है।

भाजपा का पलटवार

छत्तीसगढ़ भाजपा ने भूपेश बघेल पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में ही ऑनलाइन सट्टेबाज़ी का सबसे बड़ा जाल खड़ा हुआ। भाजपा का कहना है कि बघेल सरकार के कार्यकाल में पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे यह धंधा चला। शराब घोटाले की तरह ही ऑनलाइन सट्टा कारोबार को भी संरक्षण मिला।

अब सवाल भाजपा से नहीं बल्कि कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए कि उनके शासनकाल में छत्तीसगढ़ ऑनलाइन सट्टेबाजों का गढ़ क्यों बना। भाजपा ने दावा किया कि केंद्र सरकार अब इस पर कठोर कदम उठा रही है ताकि देश के युवाओं को सट्टे की लत से बचाया जा सके।

संतोष पांडे का बयान

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संतोष पांडे ने भी भूपेश बघेल और कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि "कांग्रेस का हाथ माओवादियों के साथ है" और बघेल के शासनकाल में बस्तर में माओवादियों को बढ़ावा मिला।

उन्होंने भूपेश बघेल द्वारा गृहमंत्री अमित शाह पर दिए गए बयान को निंदनीय करार दिया। बघेल ने कहा था कि “जब तड़ीपार व्यक्ति देश का गृहमंत्री बन सकता है तो एक रिटायर्ड जज उपराष्ट्रपति क्यों नहीं बन सकता।”

क्या है छत्तीसगढ़ ऑनलाइन सट्टा विवाद?

भूपेश बघेल का हमला – पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा ने ऑनलाइन बैटिंग और सट्टे को संरक्षण दिया है।

पुराना कदम याद दिलाया – बघेल ने दावा किया कि उनकी सरकार ने दिसंबर 2022 में ही विधानसभा में कानून बनाकर ऑनलाइन सट्टे पर रोक लगाई थी।

भाजपा का पलटवार – भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही छत्तीसगढ़ ऑनलाइन सट्टेबाज़ों का गढ़ बन गया था।

शराब घोटाले से जोड़ा मामला – भाजपा ने कहा कि जैसे शराब घोटाले में कांग्रेस पर आरोप लगे, वैसे ही ऑनलाइन सट्टेबाज़ी भी कांग्रेस शासन में फली-फूली।

तेज हुई सियासी जंग – इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप और तीखा हो गया है, जिससे राजनीति गरमा गई है।

राजनीति गरमाई, युवाओं का भविष्य दांव पर

ऑनलाइन सट्टा पर रोक को लेकर जहां भाजपा इसे अपनी उपलब्धि बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे देर से उठाया गया कदम मान रही है। इस मुद्दे ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है और अब दोनों दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में उलझे हुए हैं।

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