रायपुर. : छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण यानी रेरा ने एकेएस इन्फॉटेक बिल्डर पर बड़ी कार्रवाई की है। रेरा ने दुर्ग जिले के पाहंदा गांव में बनाई एकेएस स्मार्ट सिटी के रहवासियों और आवंटियों के पक्ष में फैसला लेते हुए को 75 लाख 26 हजार रुपए जमा करने का आदेश दिया है।
बिल्डर ने अपने प्रोजेक्ट के प्रचार-प्रसार के लिए बनाए गए ब्रोशर में स्वीमिंग पूल और क्लब हाउस बनाने का वादा किया था, लेकिन उसने यह सुविधाएं रहवासियों को नहीं दीं। लोगों ने इसकी शिकायत रेरा से की। रेरा ने रहवासियों की सोसायटी के पक्ष में स्वीमिंग पूल की लागत 25 लाख 17 हजार 400 रूपये और क्लब हाउस की लागत 50 लाख 09 हजार रुपए यानी कुल 75 लाख 26 हजार 400 रूपये 45 दिन के भीतर फिक्स डिपॉजिट करने का आदेश दिया।
इन लोगों ने की शिकायत
अनिता देवी,स्वाति केसरी और शशिकांत भुआल समेत सभी एकेएस स्मार्ट सिटी के रहवासियों ने रेरा के सामने अधिनियम की धारा 31 के अंतर्गत मई 2024 में शिकायत प्रस्तुत की थी। शिकायत में कहा गया कि उन्होंने एकेएस स्मार्ट सिटी में साल 2019 में प्लॉट खरीदा था।
बिल्डर ने मूलभूत सुविधाओं समेत स्वीमिंग पूल और क्लब हाउस बनाकर देने का वादा किया था। बिल्डर ने प्रोजेक्ट में विकास कार्य करते हुए अनुविभागीय अधिकारी पाटन से दिनांक 07.08.2020 को पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया लेकिन ब्रोशर के अनुसार कॉलोनी में स्वीमिंग पूल और क्लब हाउस नहीं बनाया गया है।
रेरा ने चार महीने में सुनाया फैसला
रेरा ने इस शिकायत को गंभीरता पूर्वक लेते हुए चार माह के भीतर सुनवाई कर आदेश पारित कर दिया। जिसमें रहवासी सोसायटी के पक्ष में कुल 75,26,400 रूपये जमा करने के लिए बिल्डर को निर्देशित किया गया है। रेरा अब तक कुल 2370 प्रकरणों का निराकरण कर चुका है।
रेरा के अध्यक्ष संजय शुक्ला और सदस्य धनंजय देवांगन हर सप्ताह सोमवार बुधवार और शुक्रवार को शिकायतों के संबंध में सुनवाई करते हैं। रेरा ने अपील की है कि आम नागरिकों को कोई भी भूमि या घर रेरा रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट में ही खरीदना चाहिए जिससे की उनके हितों की रक्षा हो सके।
घर या प्लॉट खरीदने से पहले केताओं को रेरा की वेबसाइट https://rera.cgstate.gov.in/ को देखकर प्रोजेक्ट की जानकारी हासिल करनी चाहिए।