रायपुर. छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उठा। बीजेपी विधायक भैया लाल रजवाड़े ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान सरकारी डॉक्टरों के घर से प्रैक्टिस करने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में आने वाला हर केस रेफर किया जा रहा है।
डॉक्टर-स्टाफ सहित 10 हजार की भर्ती होगी
विधायक रजवाड़े के सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि 1079 विशेषज्ञ डॉक्टर की भर्ती होने जा रही। 8084 नर्सिंग स्टॉफ से लेकर भृत्य तक की नियुक्ति होगी। उन्होंने बताया कि 10 हजार के करीब स्टाफ और डॉक्टर इस साल भरे जाएंगे। मंत्री जायसवाल ने कहा कि मैं मानता हूं कि डॉक्टर की कमी है। कोई भी सदस्य यानी विधायक डॉक्टर लेकर आएगा, 24 घंटे में उसकी नियुक्ति की जाएगी।
ट्रांसफर नीति बनाई जा रही
सदन में कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी ने कहा कि कुछ कर्मचारी 2 या 3 साल में नक्सल इलाकों से अपना ट्रांसफर करा लेते हैं, लेकिन कुछ 10 सालों से भी ज्यादा समय से वहीं नौकरी कर रहे हैं। उनके लिए भी अन्य जिलों में ट्रांसफर की नीति होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों की मैदानी इलाकों में पदस्थापना का क्या प्रावधान है।
इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में काम कर रहे पुलिस कर्मियों के लिए नीति बनाई जा रही है। नीति आने के बाद किसी भी कर्मचारी को नेता-मंत्रियों के दरवाजे पर ट्रांसफर के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।