छत्तीसगढ़ के बर्खास्त बीएडधारी शिक्षकों को मिला बड़ा तोहफा, साय सरकार ने दोबारा दी नौकरी

छत्तीसगढ़ में 2600 से ज्यादा बर्खास्त बीएडधारी सहायक शिक्षकों को फिर से नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के फैसले से वे फिर से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। यह फैसला उनके जीवन में नई उम्मीद लेकर आया है।

author-image
The Sootr
New Update
chhattisgarh-bed-teachers-reinstated-job

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

RAIPUR. जो युवा कभी नौकरी से निकाले गए थे, वे अब फिर उम्मीद की किरण देख रहे हैं। जी हां, छत्तीसगढ़ में हजारों बीएड डिग्रीधारी युवा कुछ साल पहले तक स्कूलों में पढ़ा रहे थे और फिर अचानक अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे थे, अब वे दोबारा स्कूलों की ओर लौट रहे हैं। यह मुमकिन हुआ है मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील सोच और मजबूत फैसले की वजह से।

राज्य सरकार ने 2600 से ज्यादा बीएड योग्य सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के तौर पर फिर नियुक्त किया है। यह कोई आम फैसला नहीं, बल्कि उन शिक्षकों की जिंदगी में नई रोशनी लेकर आया है, जो पिछले लंबे समय से मानसिक तनाव, असुरक्षा और बेरोजगारी से जूझ रहे थे।

2018 से संघर्ष, 2024 में सुकून

दरअसल, 2018 में इन शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन कुछ समय बाद सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने के लिए डीएलएड (D.El.Ed) की डिग्री जरूरी है। ऐसे में बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नियुक्ति को गलत ठहराया गया और हाईकोर्ट ने इनकी नौकरी रद्द कर दी।

यह खबर इन शिक्षकों के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। सपनों की नौकरी, समाज में सम्मान, हर चीज एक झटके में चली गई। इसके बाद नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर इन 2621 शिक्षकों ने 126 दिन तक आंदोलन किया। वे खून से खत लिखते रहे, सामूहिक मुंडन किया, जल सत्याग्रह किया, यहां तक कि दंडवत यात्रा भी निकाली। इनकी सिर्फ एक मांग थी कि दोबारा शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनाया जाए।

सरकार ने बात सुनी, समझी और साथ दिया

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन शिक्षकों की बात को सिर्फ सुना ही नहीं, बल्कि उसे गंभीरता से लिया। उन्होंने मामले एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई, जिसने सुझाव दिया कि इन बीएडधारी शिक्षकों को 'विज्ञान प्रयोगशाला सहायक शिक्षक' के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।

कैबिनेट ने यह सुझाव स्वीकार कर लिया और 2621 शिक्षकों को राज्य के विभिन्न स्कूलों में रिक्त पदों पर फिर से समायोजित करने का रास्ता खोल दिया। खास बात यह है कि ये पद पहले से खाली थे, पर कभी विज्ञापित नहीं किए गए थे।

शिक्षकों ने जताया सीएम का आभार 

1 मई को जब इन शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला, तो हर किसी की आंखें नम थीं खुशी और कृतज्ञता से। उन्होंने मुख्यमंत्री साय का अभिनंदन करते हुए संवाद किया। मुख्यमंत्री ने भी आत्मीयता से कहा आपका काम सिर्फ पढ़ाना नहीं है, बल्कि भविष्य गढ़ना है। देश और प्रदेश की नींव स्कूलों से बनती है। आप सब पूरी मेहनत और समर्पण से काम करें, यही मेरी शुभकामनाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, 'शिक्षकों के चेहरे पर मुस्कान देखकर आत्मिक संतोष मिला। ये निर्णय सिर्फ प्रशासनिक फैसला नहीं, मानवीय पहल है। उम्मीद करता हूं कि ये युवा शिक्षक अब बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर राज्य की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाई देंगे।'

जमीनी फैसला और दूरदर्शी सोच

इस फैसले को शिक्षा जगत में सकारात्मक कदम माना जा रहा है। यह ना सिर्फ इन शिक्षकों को स्थिरता और सम्मान देगा, बल्कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को भी बढ़ावा देगा। आज जब देश भर में बेरोजगारी और अस्थिर नौकरी को लेकर सवाल उठते हैं, तब छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला मिसाल बन रहा है।

आपको बता दें कि सरकार यहीं नहीं रुकी। जिन शिक्षकों की 12वीं साइंस या गणित विषय से नहीं हुई थी, उन्हें 3 साल का वक्त दिया गया है, ताकि वे तय योग्यताएं पूरी कर सकें।

इसके साथ ही दो महीने का खास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे प्रयोगशाला के काम में पूरी तरह दक्ष हो सकें। इसके अलावा, अन्य पिछड़ा वर्ग के जिन 355 अभ्यर्थियों के लिए अब तक कोई जगह नहीं मिल पाई थी, उनके लिए भी अलग से पद सृजित किए जाएंगे। जिलों में समायोजन की प्राथमिकता भी संवेदनशील तरीके से तय की गई है-पहले आदिवासी क्षेत्रों में, फिर सीमावर्ती जिलों में और फिर बाकी जगहों पर।

मिसाल बन गया ये फैसला

शिक्षकों का मानना है कि इस फैसले ने सिर्फ उनकी नौकरी वापस नहीं की, बल्कि उनकी आत्मा को भी सम्मान दिया है। लंबे संघर्ष के बाद जब सरकार ने उनकी बात समझी और उस पर अमल किया, तो यह सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि इंसानी जीत भी बन गई। मुख्यमंत्री ने हमारा दर्द समझा, हमें बार-बार भरोसा दिया और अब उन्होंने वो भरोसा निभाया है। ये शब्द उन शिक्षकों के हैं, जिनकी आंखों में अब उम्मीद है, आत्मविश्वास है और चेहरे पर मुस्कान है।

साय सरकार | विष्णुदेव साय सरकार   thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय विष्णुदेव साय सरकार विष्णुदेव साय साय सरकार शिक्षक छत्तीसगढ़