रायपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए भाटिया वाइंस को आड़े हाथ लिया है। कोर्ट ने फैक्ट्री प्रबंधन के रवैये पर सख्त नाराजगी जाहिर की है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने यहां तक कह दिया कि अगर कोर्ट हस्तक्षेप न करे तो क्या लोगों को जहर पिलाओगे।
भाटिया वाइंस की वजह से लाखों मछलियों की मौत
ज्ञात को कि मुंगेली जिले के धूमा में भाटिया वाइंस की फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री में से निकलने वाले प्रदूषित पानी की वजह से शिवनाथ नदी में लाखों मछलियों की मौत हो गई थी। इसकी खबर मीडिया में प्रमुखता से उठाई गई थी। इन खबरों को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया है। इसके बाद ही जनहित याचिका के रूप में इस केस की सुनवाई की जा रही है।
इस केस की सुनवाई के दौरान 30 जुलाई 2024 को पर्यावरण संरक्षण मंडल ने हाईकोर्ट को बताया था कि मामले की जांच के लिए हाई पॉवर कमेटी बनाई गई है। इसके बाद 13 अगस्त को बोर्ड ने बताया कि 22 और 23 जुलाई को फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान फैक्ट्री में नियमों का उल्लंघन करना पाया गया है।
ऑक्सीजन का लेवल जीरो मिला
बोर्ड की जांच में यह भी पाया गया है कि जहां फैक्ट्री का जहरीला पानी छोड़ा जा रहा था, वहां ऑक्सीजन का लेवल शून्य था। इस पर क्षेत्रीय कार्यालय ने 8 लाख 70 हजार रुपए जुर्माना लगाया और खामियों को दूर करने कहा था।
इस पर भाटिया वाइंस ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि पेनाल्टी जमा कर कमियां दूर कर ली गई हैं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डीविजन बेंच ने दोनों पक्षों को सुना।
बेंच ने सुनवाई के बाद कहा कि नियमों के अनुसार फैक्ट्री खोलने पर आदेश जारी करने के लिए पर्यावरण प्रदूषण मंडल स्वतंत्र है। इस केस की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।