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Photograph: (the sootr)
रायपुर.छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अपने नंबर बढ़ाने के लिए आम आदमी की जेब पर बोझ डाल दिया है। मोदी की शाबासी पाने के लिए सरकार ने लोगों को जोर का झटका दिया है। यह सारा खेल बिजली का है। बीजेपी के चुनावी मेनीफेस्टो में लोगों से वादा किया गया था कि सरकार बनने के बाद महंगी बिजली से उनको राहत दी जाएगी।
लेकिन यहां तो सब कुछ उलट पुलट हो गया। हाफ बिजली बिल की लिमिट 400 यूनिट से घटाकर 100 यूनिट कर दी जिससे हर महीने बिजली का बिल बढ़कर आने लगा। यह सारा मामला पीएम सूर्यघर योजना में परफार्मेंस का है। सीएम कहते हैं कि वे बिजली बिल जीरो करने के कांसेप्ट पर काम कर रहे हैं। क्या है ये पूरा मामला आइए आपको समझाते हैं।
जनता को शाबासी का झटका :
छत्तीसगढ़ सरकार ने जनता को शाबासी का झटका दिया है। शाबासी छत्तीसगढ़ सरकार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पानी है लेकिन उसके लिए आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ा दिया। छत्तीसगढ़ सरकार ने हाफ बिजली बिल योजना के नियमों में बदलाव किया है, जिसके तहत अब घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट की बजाय 100 यूनिट मासिक खपत पर ही बिल में 50 फीसदी की छूट मिलेगी।
यह बदलाव 1 अगस्त 2025 से लागू हुआ है। इसके कारण प्रदेश के उन 14 लाख परिवारों पर असर पड़ेगा जो 100 यूनिट से ज़्यादा बिजली इस्तेमाल करते हैं। यह नया नियम लागू होने से इन उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में भारी बढ़ोत्तरी हो गई है।
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इसलिए किया गया बदलाव :
सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो यह बदलाव बहुत सोच समझकर किया गया है। इस बदलाव के पीछे लोगों को सोलर सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह योजना पीएम मोदी की है इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार ज्यादा से ज्यादा सोलर सिस्टम लगवाकर अपने नंबर बढ़ाना चाहती है।
हाफ बिजली योजना की लिमिट कम होने से लोगों के पास बढ़ा हुआ बिजली बिल जाएगा और वे सोलर सिस्टम लगाएंगे। अपनी रणनीति को अंजाम देने के लिए आम आदमी को बिजली का करंट लगा दिया। बिजली विभाग के कर्मचारियों को तो ये सोलर सिस्टम लगाना अनिवार्य भी कर दिया।
राज्य सरकार प्रधानमंत्री पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को गति दे रही है, जिसके अंतर्गत 3 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापना पर केंद्र सरकार से 78 हजार रुपये और राज्य सरकार से 30 हजार रुपये की कुल एक लाख आठ हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। 2 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर 75 फीसदी यानी 90,000 रुपए की सब्सिडी है। जिससे उपभोक्ता प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कहते हैं कि वे लोगों को जीरो बिजली बिल की तरफ ले जा रहे हैं। सरकार कहती है कि प्रदेश के 45 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से 31 लाख परिवारों की मासिक खपत 100 यूनिट से ज़्यादा नहीं है, इसलिए इस 31 लाख परिवार को हाफ बिजली बिल योजना का लाभ मिलता रहेगा।
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कांग्रेस विरोध पर आमादा :
बिजली के दाम में बढ़ोतरी और बिजली बिल हॉफ योजना बंद करने के विरोध में कांग्रेस पार्टी 03 एवं 04 अक्टूबर को प्रदेश के सभी जिले के सभी छोटे-बड़े विद्युत कार्यालय का घेराव कर तालाबंदी कर रही है। कांग्रेस कहती है कि बीजेपी सरकार हॉफ बिजली बिल योजना के तहत 400 यूनिट की सीमा को समाप्त कर बेतहाशा मूल्य वृद्धि कर प्रयोजित लूट कर रही है।
बढ़े हुए बिजली बिल बीजेपी सरकार की मुनाफाखोरी वाली नीति के कारण छत्तीसगढ़ की जनता को महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। बीजेपी सरकार के राज में हर उपभोक्ता का औसतन बिजली बिल दुगुना हो गया है।
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सरकार ने दिखाई चतुराई :
बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र के 39वें पेज के छटवें नंबर के बिंदु पर लिखा है कि लोगों को बिजली बिलों से राहत दी जाएगी। लेकिन सरकार ने सोलर पैनल लगवाने के लिए चतुराई से लोगों की बिजली का बिल दोगुने से ज्यादा बढ़ा दिया है।
एक तरफ सरकार के अपने विभागों पर ढाई हजार करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया लेकिन वो बिल वसूलने की बजाय आम आदमी पर बोझ बढ़ाया जा रहा है वो भी सूर्यघर योजना में अव्वल आने के लिए। सरकार को मोदी की शाबासी मिले ये तो अच्छी बात है लेकिन आम आदमी की जेब की कीमत पर नहीं,ये जरुर सोचने की बात है।